ग्राउंड रिपोर्ट:दलित हत्याकांड में समझौते के लिए 2 करोड़ का ऑफर:मां बोलीं- बेटी का बनाया वीडियो बना मौत की वजह; पूर्व मंत्री ने खारिज किए आरोप
सागर जिले के बरोदिया नौनगिर के दलित हत्याकांड की सबसे अहम गवाह अंजना की एम्बुलेंस से गिरने से हुई मौत रहस्य बन गई है। न पुलिस कुछ बोल रही है, न गांव वाले। एक साल के भीतर अपने बेटे-बेटी की मौत का दर्द झेलने वाला अहिरवार परिवार डरा हुआ है।
अहिरवार परिवार का आरोप है कि पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह आरोपियों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने राजीनामा के लिए अंजना, विष्णु (भाई) और राजेंद्र (चाचा) को जीप भेजकर खुरई में अपने बंगले पर बुलाया था। भूपेंद्र सिंह ने समझौते के एवज में 2 करोड़ का ऑफर दिया। अंजना ने मोबाइल में चुपके से वीडियो बना लिया। अंजना के भाई विष्णु का आरोप है कि पुलिस ने वो मोबाइल जब्त कर लिया है।
हालांकि, भूपेंद्र सिंह ने दैनिक भास्कर के सवालों के जवाब में इन आरोपों को खारिज किया। राजीनामा के सवाल पर कहा, यदि परिवार को कोई शिकायत है तो पुलिस और कोर्ट को बताएं। आरोपियों की मदद के सवाल पर कहा कि मैं क्या मदद कर रहा हूं, वो सभी तो जेल में हैं।
अंजना की मां पुलिस पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए कहती हैं कि पुलिस वाले कह रहे थे – तुम्हारा एक और बेटा विष्णु भी मारा जाएगा। पिछले दिनों इस हत्याकांड की जांच करने पहुंचे सामाजिक संगठनों के नागरिक अधिकार समूह ने भी अपनी रिपोर्ट में पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं।
नागरिक अधिकार मंच की रिपोर्ट सामने आने के बाद दैनिक भास्कर पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचा।
पुलिस की एफआईआर के मुताबिक।
पुलिस के दावे को क्यों खारिज कर रहा परिवार
अंजना की संदेहास्पद मौत के बाद पुलिस ने दावा किया था कि वह एम्बुलेंस से कूद गई थी। जबकि परिवार का कहना है कि अंजना की हत्या की गई है। पुलिस के दावे को समझने के लिए भास्कर ने उस दिन शव वाहन में सवार राजेंद्र अहिरवार की मां भागमती से संपर्क किया।
भागमती ठीक ढंग से बोल और सुन नहीं पाती। उनके छोटे बेटे की मदद से हमने सवाल समझाया। तो उन्होंने लड़खड़ाती जुबान में बताया कि उस दिन सागर में पुलिस ने एम्बुलेंस में बैठने से पहले पानी की बोतल दी। कहा कि पानी पी लो। मैंने और मेरे पति रामसेवक ने पानी पी लिया। इसके बाद हमें नींद आ गई।
खुरई तिराहे पर पुलिस ने झंझोड़कर जगाया। देखा तो अंजना गाड़ी से कुछ दूर पड़ी हुई थी। उसके सिर से खून निकल रहा था। पति रामसेवक राजेंद्र के शव को गांव तक ले गए। मैं अंजना को लेकर दूसरी गाड़ी से सागर अस्पताल पहुंची। यहां डॉक्टरों ने अंजना को मृत घोषित कर दिया। अंजना कैसे गिरी, ये हमें नहीं पता।
इसी बात को आधार बनाकर अंजना के माता-पिता कहते हैं कि उनकी बेटी एम्बुलेंस से कूद नहीं सकती। उसकी हत्या की गई है।
परिजन और नागरिक अधिकार समूह ने उठाए ये सवाल
भास्कर ने अंजना की मां बड़ी बहू से सवाल किया कि उन्हें क्यों लगता है कि उसकी हत्या की गई है। इस पर वे बोलीं- बेटी जिस वैन में बैठी थी, उसका दरवाजा अचानक कैसे खुल गया? जिस तिराहे पर बेटी घायल हालत में पड़ी थी, वहां गाड़ी की स्पीड कम रही होगी, फिर वो कैसे गिर गई?
बड़ी बहू कहती हैं कि हैरानी वाली बात है, अंजना को गिरते हुए न तो पुलिस वालों ने देखा और न ही राजेंद्र के माता-पिता ने। पुलिस ने राजेंद्र के माता-पिता को जो पानी दिया, उसे पीते ही दोनों गहरी नींद में कैसे सो गए?
नागरिक अधिकार समूह की माधुरी ने बताया, अंजना की मौत की जांच करने वाली अधिकारी शशि विश्वकर्मा से जानकारी लेनी चाही। इस पर उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है और जानकारी देने से मना कर दिया।
मां का आरोप- राजीनामा के लिए 2 करोड़ का ऑफर दिया
बड़ी बहू ने बताया, बेटे नितिन की हत्या के बाद हमारे ऊपर राजीनामा करने का दबाव था। दो बार खुरई से हमें बुलाने के लिए जीप भेजी गई। विष्णु, अंजना, नरेश, देवर मोहन और राजेंद्र अहिरवार जीप से गए थे।
उन्हें भूपेंद्र सिंह के बंगले पर ले जाया गया। लौटने के बाद बेटी अंजना ने बताया था कि बंगले में पूर्व मंत्री भूपेंद्र ने कहा- हमई नेता, हमई मंत्री, हमारी सरकार है। राजीनामा कर लो, 2 करोड़ रुपए देंगे। अंजना ने उसका वीडियो बना लिया था।
पूर्व मंत्री बोले- मैं किसी की मदद नहीं कर रहा
मामले में शुरू से ही राजनीतिक दखल के आरोप लग रहे हैं। नितिन की हत्या के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने बीजेपी युवा मोर्चा के अंकित सिंह का नाम एफआईआर में शामिल नहीं किया। अंजना ने भी एफआईआर में नाम जुड़वाने को लेकर शिकायत की थी।
खुरई के विधायक और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह समेत बीजेपी नेताओं ने इन हत्याओं के पीछे की वजह आपसी विवाद बताया है। ये भी किसी से छिपा नहीं है कि नितिन की हत्या के तीन प्रमुख आरोपियों का सत्ताधारी दल से जुड़ाव रहा है।
कोमल सिंह ठाकुर को 2020 में भूपेंद्र सिंह ने मंडी प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त किया था। परिवार के इन आरोपों को लेकर दैनिक भास्कर ने पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने सारे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पूरे मामले की जांच हो रही है। मामला न्यायालय में है।
सिलसिलेवार जानिए पूरे विवाद की शुरुआत कहां से हुई
2019 में अंजना अहिरवार के भाई विष्णु से मारपीट हुई। कुछ दिन बाद अंजना से मारपीट और छेड़छाड़ की गई। अंजना ने लंबरदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद से आरोपी समझौते का दबाव बनाने लगे। जब अहिरवार परिवार नहीं माना तो घटना के 4 साल बाद 2023 में अंजना के भाई नितिन की सरेराह हत्या कर दी गई। मां को भी बीच बाजार में निर्वस्त्र किया गया।
ये केस चल ही रहा था कि 9 महीने बाद मई में अहिरवार परिवार के नजदीकी राजेंद्र अहिरवार की हत्या कर दी गई। नितिन की हत्या में राजेंद्र अहम गवाह था। अंजना नितिन और राजेंद्र दोनों की हत्याओं में अहम गवाह थी।
दलित और ठाकुरों के बीच विवाद का एक और एंगल समझिए…
गांव में ज्यादातर दलित, ठाकुरों के खेतों में करते हैं मजदूरी
3500 आबादी वाले इस गांव में 23 फीसदी दलित हैं। इनमें अहिरवार सबसे ज्यादा हैं। 11 फीसदी आदिवासी हैं। ये लोग खेती और मजदूरी करते हैं। गांव में कोरी, पटेल, मुस्लिम और ठाकुर भी हैं। ठाकुरों के 25 घर हैं, लेकिन गांव में सबसे ज्यादा खेती की जमीन उनके ही पास है। छोटे किसानों की जमीन भी ठाकुर ही किराए पर ले लेते हैं। गांव के ज्यादातर लोग ठाकुरों के खेत में मजदूरी करते हैं। आरोप है कि जो ठाकुरों के खेत में मजदूरी के लिए नहीं जाते, वे उनके निशाने पर होते हैं।
अंजना के पिता रघुवीर अहिरवार इंदौर में गार्ड की नौकरी करते थे। उनके 4 बच्चों में इकलौती बेटी अंजना सागर में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही थी। तीन बेटों में बड़ा रोहित गांव की दुकान में काम करता था। दूसरे नंबर का विष्णु भोपाल में होटल में काम करता है। छोटा नितिन घोड़े की बुकिंग देखता था। ये परिवार ठाकुरों के खेतों पर मजदूरी करने नहीं जाता था।
अंजना के भाई रोहित कहते हैं कि मैं पहले टेंट हाउस में काम करता था। पास के बिनायकी गांव से हमने 50 हजार रुपए में घोड़ा खरीदा। शादी-ब्याह में घोड़ा-बग्घी की बुकिंग लेते थे। खाली दिनों में हम घोड़े पर गांव में ही घूमते थे। कई बार हम गांव के लंबरदारों के घर के सामने से भी घोड़े पर निकलते थे। ये उन्हें पसंद नहीं था।
‘पुलिस ने हत्या के सीसीटीवी फुटेज पर ध्यान नहीं दिया’
23 अगस्त 2023 को नितिन की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, ये पूरी वारदात वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो गई थी। पुलिस ने 13 लोगों की गिरफ्तारी की, लेकिन परिवार ने आरोप लगाया कि कुछ रसूखदारों को छोड़ दिया। ये आरोपी सीसीटीवी फुटेज में भी नजर आ रहे हैं।
अंजना की मां ने बताया, उस दिन कोमल आजाद, विक्रम और अजय ठाकुर छेड़छाड़ के केस में राजीनामा करने के लिए आए थे। तब नितिन बाजार गया था। वे लोग नितिन को ही ढूंढ रहे थे। आरोपी बाजार की तरफ गए, मैं भी उनके पीछ गई। बेटे के पास पहुंची ही थी कि आरोपियों ने हमला कर दिया। मैं बचाने की कोशिश की तो मुझे निर्वस्त्र कर दिया। बेटे को पीटने के बाद घर आकर तोड़फोड़ की। घोड़े को मार डाला। इसके बाद मझले देवर मोहन और राजेंद्र के घर भी गए थे।
अंजना की मां ने बताया, शाम 7 बजे की घटना है। रात करीब 9 बजे पुलिस आई। घायल हालत में बेटे को सागर रेफर किया। रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद हमें पुलिस सुरक्षा दी गई। सीसीटीवी भी लगाए गए।
लोकसभा चुनाव से एक दिन पहले 6 मई 2024 को सुरक्षा में लगी पुलिस बिना बताए चली गई। कैमरे मार्च में ही बंद हो गए थे। इसकी शिकायत भी की। पुलिस का पहरा हटने के बाद दबंग और बेखौफ हो गए। इसके कुछ दिन बाद ही 25 मई को राजेंद्र की भी हत्या कर दी।
ये वो सीसीटीवी फुटेज है, जिसे अहिरवार परिवार ने पुलिस को दिया था। आरोप है कि पुलिस ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
नितिन और विष्णु के खिलाफ सारे प्रकरण 2019 के बाद दर्ज
अंजना ने 2019 में गांव के कोमल सिंह ठाकुर, विक्रम सिंह ठाकुर, छोटू रैकवार, आजाद ठाकुर, पुष्पेंद्र ठाकुर और अंकित ठाकुर के खिलाफ मारपीट, धमकी व एससी-एसटी का प्रकरण दर्ज कराया था। अंजना ने शिकायत में छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस ने एफआईआर में इसे शामिल नहीं किया।
इसी के बाद इस परिवार की मुश्किलें शुरू हुईं। मां बड़ी बहू कहती हैं कि बेटे नितिन और विष्णु पर दबंगों के इशारे पर झूठे प्रकरण दर्ज होने लगे। दोनों बेटों के जिस आपराधिक रिकॉर्ड का पुलिस हवाला देती है, वो सारे मामले अंजना की एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद ही दर्ज किए गए हैं। दबंग इस तरह की कार्रवाई करा कर उन पर समझौते का दबाव डाल रहे थे।
चलती एंबुलेंस से कूदी युवती, मौत: चाचा का शव सड़क पर रख करना चाहती थी चक्काजाम
सागर जिले के खुरई में 26 मई को 23 वर्षीय युवती चलती एंबुलेंस से कूद गई। ज्यादा चोटें आने की वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। एंबुलेंस में वह परिजन के साथ चाचा का शव लेकर अपने गांव आ रही थी। परिजन के मुताबिक, युवती के चाचा राजेंद्र अहिरवार पर पुराने विवाद में गांव के ही कुछ लोगों ने हमला किया था। इलाज के दौरान सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में उन्होंने दम तोड़ दिया था। युवती चाचा का शव सड़क पर रखकर चक्काजाम करना चाहती थी। पढ़ें पूरी खबर…
सागर में चाचा की हत्या, भतीजी के मौत का मामला: पीसीसी चीफ ने राहुल गांधी से कराई पीड़ित परिवार की बात
सागर के बरोदिया नौनागिर में अंजना की मौत के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी अंजना अहिरवार के परिवार से मिलने पहुंचे थे। परिजनों ने उन्हें घटना के समय के वीडियो और दस्तावेज दिखाए। साथ ही अंकित ठाकुर का नाम एफआईआर में जोड़ने और मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। पढ़ें पूरी खबर…
बेटे-बेटी के हत्यारे मां-बाप को धमका रहे:मां बोली- पुलिस अफसर कहते हैं दूसरा बेटा भी मारा जाएगा
हम कहीं भी जाते हैं, आवेदन लगाते हैं तो हमारे बेटे-बेटी के हत्यारे धमकाते हैं। पुलिस अधिकारी भी धमकी देते हैं। उस दिन एसपी से छोटे अधिकारी कह रहे थे कि तुम्हारा दूसरा बेटा विष्णु भी मारा जाएगा।’अगस्त 2023 में इस परिवार के 18 साल के बेटे नितिन की सरेराह हत्या और मां को निर्वस्त्र करने की इस शर्मनाक घटना के 10 माह बाद बरोदिया नौनगिर का दलित हत्याकांड एक बार फिर चर्चा में है।
सौजन्य:दैनिक भास्कर
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