जयंती पर याद किए गए दलित चिंतक डॉ. तुलसीराम, श्रद्धांजलि
दरभंगा | एलएनएमयू के हिंदी विभाग में कथाकार, दलित चिंतक एवं आलोचक डॉ. तुलसीराम की जयंती हिंदी विभाग में पहली जुलाई को मनाया गया। हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. उमेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित जयंती समारोह में उन्होंने ने कहा कि तुलसीराम बुद्ध, अम्बेडकर, मार्क्स, ज्योतिबा फुले आदि से प्रभावित थे।
डॉ. तुलसीराम ने सत्य को उजागर करने के साथ ही उन्होंने बुद्ध और अंबेडकर के विचारों को भी अपने साहित्य के माध्यम से फैलाने का काम किया। उन्होंने कहा कि अगर आप ईमानदार बने रहते है तो लोग आप से घृणा करने लगते है यही आज की सच्चाई हैं। विदेशी संस्थाएं भी यहां के दलितों के उत्थान के लिए काम करती है। मौके पर सुरेंद्र प्रसाद सुमन ने कहा कि इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि आजादी के 76 वर्ष बाद भी आजाद हिंदुस्तान में बड़े बड़े लोगों को याद करते हैं।
सौजन्य: दैनिक भास्कर
नोट: यह समाचार मूल रूप से bhaskarhindi.com में प्रकाशित हुआ है और इसका उपयोग केवल गैर-लाभकारी/गैर-वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए किया गया था, विशेष रूप से मानवाधिकारों के लिए।