मिर्जापुर: मोबाइल चोरी के आरोप में नीम के पेड़ से बांध आदिवासी युवकों को दी गई तालिबानी सजा
मिर्जापुर। “मैं चीखता-चिल्लाता रहा, दुहाई देता रहा, उनके पैर पकड़ता रहा, लेकिन वह लोग हमारी सुन कहा रहे थे। बदन से कपड़े उतार कर बुरी तरह से मारा-पीटा इससे भी जी नहीं भरा तो सिर के बाल को उखाड़ मारने लगे।” यह बताते-बताते सूरज कोल बिलख पड़ता है। शरीर में जगह-जगह उठ रहे दर्द से वह रोने लगता है, फिर बताता है, “इतने सब के बाद भी वह शांत नहीं बैठे। हमें मारते-पीटते घसीटते हुए गांव के सिवान में ले जाकर नीम के पेड़ से बांध बुरी तरह से मारने लगे थे।”
तमाशबीन लोगों की भीड़ बुत बनी खड़ी हुई सबकुछ देख रही थी, लेकिन किसी ने भी आगे बढ़ उन लोगों को रोकने-टोकने का साहस नहीं जुटाया। जिसका परिणाम यह रहा कि दो युवकों को पेड़ से बांध मारने वाले लोग दर्जनों की संख्या में खड़े मूकदर्शक, तमाशबीन बने लोगों पर तांडव करते रहे और पेड़ से बंधे दोनों युवक दर्द से कराहते हुए रहम की भीख मांग रहे थे। हाल ही में बीते लोकसभा चुनाव के बाद कानून व्यवस्था को लेकर नकेल कसने की तैयारी में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मिर्ज़ापुर जिले के मड़िहान कोतवाली क्षेत्र में घटित हुई यह घटना कानून व्यवस्था और मनबढ़ों पर नकेल कसने की हिदायतों की हवा निकालने के लिए काफी है।
मिर्ज़ापुर जिले के मड़िहान कोतवाली क्षेत्र के ख़न्तरा ठक्कर नगर गांव में 27 जून 2024 को मोबाइल चोरी के आरोप में नीम के पेड़ से बांधकर दो युवकों की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मचा जितना लाज़मी है, उससे भी कहीं ज्यादा पुलिस की शिथिलता को लेकर चर्चा है कि य़दि कोई बड़ी वारदात हो जाती तो पुलिस क्या करती? हालांकि पुलिस ने हो हल्ला मचने पर मामूली धाराओं में चालान कर दोषियों को राहत दे दी है।
मोबाइल हुआ गुम तो खुद ही बन बैठे कोतवाल
मड़िहान कोतवाली क्षेत्र का खंतरा ठक्कर नगर गांव पटेहरा पुलिस चौकी और मड़िहान कोतवाली क्षेत्र के मध्य में स्थित है। इस गांव की थाना और पुलिस चौकी क्षेत्र से दूरी लगभग 8 किमी है। कोल आदिवासी बाहुल्य यह गांव जंगल सिवान से लगा हुआ है। मेहनत मजदूरी करने के साथ आदिवासी समाज के लोग बटाई पर लेकर खेती किसानी भी करते हैं।
रोज की भांति गांव में गुरुवार 27 जून 2024 को भी सबकुछ सामान्य था। लोग नित्य कर्म से निवृत्त होकर अपने रोजमर्रा के कार्य में जुट गए थे। कोई भेड़ बकरियों को लेकर सिवान की ओर चल पड़ा था तो वहीं कुछ लोग खेत खलिहानों की ओर चल पड़े थे। सुरेश उर्फ कल्लू कोल (22) भी अपने घर के दरवाजे पर बैठा हुआ दातून को लेकर दांतो को साफ किए जा रहा था कि इतने में उसके सामने गांव निवासी अरुण कोल का दामाद राहुल शर्मा उर्फ पंडित तीन अन्य लोगों के साथ चट्टान सरीखे सामने आकर खड़ा हो जाता है। वह (सूरज) कुछ समझ पाता कि उसे घसीटते हुए घर से कुछ दूर ले जाकर बुरी तरह से मारने पीटने लगे थे।
मारने-पीटने का वज़ह पूछे जाने पर मोबाइल चोरी का आरोप लगाते हुए उसे सिवान की ओर घसीट कर ले जाने लगे थे इस बीच उसके बदन से कपड़े को फाड़ कर बुरी तरह से मारते-पीटते हुए उसे और सुगापाख गांव के छोटक पटेल को भी नीम के पेड़ से बांध कर चप्पल जूते से और हाथ-पैर से लेकर डंडे से मारा-पीटा जाने लगा।
दरअसल, इस घटनाक्रम के पीछे मोबाइल का खोना रहा है जिनका दोनों प्रताड़ित युवकों से कोई लेना-देना नहीं रहा है, जैसा कि वह और उनके परिजनों का कहना है। बावजूद इसके गांव में दिनदहाड़े दहशतगर्दी को बढ़ावा देते हुए मोबाइल फोन गुम होने की सूचना पुलिस को दिए बिना ख़ुद ही कोतवाल बन बैठे दबंगों ने सूरज और छोटक को पेड़ में बांधकर तब तक पीटते रहे हैं जब तक कि वह बेसुध न हो गएं हो।
सुबह के 8 बजे से दोपहर के 2 बजे तक यह दहशतगर्दी का तांडव गांव में होता रहा है, लेकिन किसी ने भी साहस कर इस जुल्म को रोकने के लिए कदम आगे नहीं बढ़ाया था। पीड़ित युवकों के परिजनों का आरोप है कि सूचना देने के बाद भी पुलिस ने मौके पर तत्काल पहुंच त्वरित कार्रवाई करने का तनिक भी साहस नहीं दिखाया है। सुबह से लेकर इस तपती दुपहरी में दोपहर के दो बजे के बाद किसी प्रकार पीड़ित युवकों के परिजनों ने सिवान में नीम के पेड़ में बंधे युवकों को छुड़ाया और घर लाया है।
युवक गिड़गिड़ाते रहे, दबंग मारते रहे
अरुण कोल का दामाद राहुल शर्मा उर्फ पंडित पश्चिम के जिले का रहने वाला बताया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों से उसने ससुराल में ही खूंटा गाड़ रखा है। 26 जून की रात में वह घर में सोया हुआ था। चारपाई से संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मोबाइल चोरी हो जाती है। दूसरे दिन 27 जून की सुबह वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर गांव के रहने वाले युवक सुरेश उर्फ कल्लू कोल और सुगापाख कला गांव के छोटक पटेल को मोबाइल चोरी के आरोप में मारते-पीटते हुए सिवान में जबरन उठा ले जाता है।
राहुल पंडित अपने और साथियों के साथ मिलकर पहले तो मारपीट कर सूरज और छोटक से पूछा जब नहीं बताया गया तो सिवान में स्थित नीम के पेड़ में बांधकर दोनों का कपड़ा उतारने के बाद पिटाई करना शुरू कर दिया था। घंटो पेड़ में बांधकर पिटाई करते रहने के बाद भी उन्हें तरस नहीं आई जबकि पीड़ित दोनों युवक जान की भीख मांगते रहे, लेकिन दबंग छोड़ने का नाम नहीं ले रहे थे। जानकारी मिलते ही पीड़ित के परिजन मौके पहुंचकर किसी तरह से दोनों युवकों को पेड़ से छुड़वा अपने साथ घर ले आएं और पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की।
पीड़ित सुरेश और छोटक खौफ में हैं उन्हें भय है कि दबंग कहीं फिर से न उनके साथ कोई अप्रिय वारदात को अंजाम दे बैठे। हालांकि मामले बढता देख पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में ले कर सुसंगत धाराओं में कार्रवाई सुनिश्चित किए जाने की बात कह रही है। वहीं पीड़ित युवक दबंगों राहुल शर्मा उर्फ पंडित, प्रदीप कुमार पुत्र अरविंद कोल, राकेश पुत्र श्रीराम कोल एवं कृष्ण का नाम लेते हुए सिहर उठते हैं। खौफ इस कदर की वह बात करने व अपनी आपबीती बताने में भी सिसकने लगते हैं।
पीड़ित सुरेश का कहना है कि “मोबाइल चोरी के मामले में राहुल, पंडित, प्रदीप और राकेश फंसा कर पिटाई किए हैं। पुलिस से शिकायत की है कार्रवाई की मांग की है.
मामला बढ़ने पर पुलिस ने बदला पैंतरा
मोबाइल गुम होने के मामले में दो युवकों की जिस कदर पेड़ में बांधकर पीटाई की गई है उसे देखकर डरें सहमे ग्रामीण दबी जुबान बताते हैं कि “ससुराल में रहने वाले राहुल का रौब और खौफ बढ़ा है। इसके संगत अच्छे नहीं लगते पर कोई कर भी क्या सकता है।”
ग्रामीण बताते हैं कि जब थाने और पुलिस चौकी से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर पहुंचने में पुलिस को सुबह से शाम हो सकतें हैं तो भला कोई बड़ी वारदात होने पर यह क्या करेंगे। पीड़ित परिवार के लोगों के साथ ही गांव के लोगों में भी इस बात को लेकर कसक बरकरार है कि पुलिस ने यदि सूचना होने पर ही फ़ौरन कार्रवाई की होती तो दोनों युवकों की इतनी बुरी गत नहीं होती। और तो और इस पूरे मामले में थानाध्यक्ष मड़िहान की भी खूब भद्द हो रही है जो पहले तो मामले को टरकाने की जुगत में थे, लेकिन प्रकरण से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने और अधिकारियों के कानों तक खबर पहुंचने के बाद आनन-फानन में तीन लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
सपा का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा खंतरा
समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को खंतरा गांव जाकर मौका मुआयना कर दो युवकों को पेड़ में बांधकर मारने-पीटने की घटना को अमानवीय कृत्य करार दिया है। मिर्जापुर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष देवी प्रसाद चौधरी के निर्देश पर पार्टी का प्रतिनिधिमंडल पटेहरा विकास खण्ड के गांव में पहुंचकर आदिवासी और पिछड़े समाज के दो युवकों की पिटाई के मामले की जांचकर अपनी रिपोर्ट जिलाध्यक्ष को दी है। जिलाध्यक्ष ने रिपोर्ट पर कहा कि वाकई में यह अमानवीय अत्याचार युवकों पर किया गया है और उन्हें बुरी तरह से पीटा गया है, जिसकी निन्दा की जाती है और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिये ताकि ऐसी घटना दुबारा न हो सके।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
बीते वर्ष जून 2023 में भी मिर्जापुर जिले के हलिया थाना क्षेत्र में वन अधिकारी व वनकर्मियों द्वारा एक मुस्लिम युवक की बुरी तरह से पेड़ से बांध कर पिटाई की गई थी। इस मामले में संबंधित अधिकारी को पुलिस ने छुआ तक नहीं, जबकि वनकर्मियों को बलि का बकरा बना दिया गया। जिसे आज भी लोग भूले हुए नहीं हैं।
ठीक इसी प्रकार जिले के ड्रमंडगंज थाना क्षेत्र के महोगढ़ी गांव में 3 दिसंबर 2023 को मोबाइल चोरी का आरोप लगाकर जयशंकर नामक 25 वर्षीय युवक को पेड़ पर उल्टा लटकाकर निर्ममता पूर्वक पिटाई करने का किसी ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर दिया था। इस तालिबानी सजा का वीडियो वायरल होने के बाद 6 दिसंबर को देर शाम पुलिस ने पीड़ित के युवक की मां को थाने पर बुलाकर बेटे जयशंकर को रस्सी से उल्टा लटकाकर पिटाई करने वाले चार युवकों के विरुद्ध तहरीर लेकर कार्रवाई की थी।
तहरीर में युवक की मां चंद्रकली पत्नी कैलाश बहेलिया ने आरोप लगाया था कि तीन दिसंबर को गांव निवासी युवक ने उसके बेटे पर मोबाइल फोन की चोरी करने का आरोप लगाते हुए पेड़ में उल्टा लटकाकर, महोगढ़ी गांव निवासी दो लोग, देवहट गांव निवासी एक युवक तथा भटपुरवा गांव निवासी युवक लात घूंसे और डंडे से पिटाई कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। मारने पीटने से गंभीर रूप से घायल बेटे जयशंकर बहेलिया का दाहिना हाथ टूट गया था। मामला संज्ञान में आने पर पुलिस अधीक्षक अभिनंदन के निर्देश पर सक्रिय हुई पुलिस ने आरोपित लोगों को गिरफ्तार किया था। (मिर्ज़ापुर से संतोष देव गिरी की रिपोर्ट)
सौजन्य: जनचौक
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