एचसीएस भर्ती में आरक्षित वर्ग को जानबूझकर पर्याप्त आरक्षण से वंचित करने का सरकार का दलित विरोधी चेहरा हुआ बेनकाब
एचसीएस भर्ती में एससी बीसी को उचित आरक्षण ना देने पर विभिन्न संगठनों ने जताया रोष – मामले में की उच्च स्तरीय जांच की मांग एचसीएस भर्ती प्रक्रिया 2023 में आरक्षण नीति की घोर उपेक्षा करने का है संगीन मामला
हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा 14 जून, 2024 को एचसीएस के घोषित परिणाम में अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्गो को आरक्षण से वंचित कर संवैधानिक अधिकारों का खुला उलंघन करने के संगीन मामले में विभिन्न संगठनों द्वारा गुरु रविदास मंदिर में रोष बैठक का आयोजन सर्व अनुसूचित जाति संघर्ष समिति के तत्वावधान में सैनी सभा के प्रधान बिशन कुमार सैनी, राष्ट्रीय कुम्हार महासभा के राष्ट्रीय संगठन सचिव एवं पूर्व प्रधान किशनलाल लुहानीवाल व गुरु रविदास महासभा के प्रधान बलबीरसिंह बबेरवाल की संयुक्त अध्यक्षता में किया गया । बैठक में सभी संगठनों द्वारा भारी रोष प्रकट करते हुए सरकार की कड़ी भर्त्सना की गई और इस मामले में संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र राष्ट्रपति, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राज्यपाल, मुख्यमंत्री व हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को भेजकर मांग की है कि इस संगीन मामले की उच्च स्तरीय गहन जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
बैठक में सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए जोरदार नारेबाजी की गई। बैठक का संचालन करते हुए संघर्ष समिति के महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था दिल्ली के प्रमुख सलाहकार बिरदी चंद गोठवाल ने मामले में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा वर्ष 2019 से 2024 तक की गई एचसीएस की भर्तियों में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के युवाओं को उचित आरक्षण की उपेक्षा कर सरकार द्वारा संवैधानिक अधिकारों का खुल्लम खुल्ला उलंघन किया गया है । एचसीएस भर्ती प्रक्रिया 2022 में अनुसूचित जाति के आरक्षित 20 पदों में से केवल 06 युवाओं को ही साक्षात्कार के लिये बुलाया गया, जबकि 20 के तीन गुणा के हिसाब से 60 युवाओं को बुलाना चाहिए, परंतु ऐसा ना करके केवल 06 युवाओं का चयन करके बाकी 14 पदों को खाली छोड़ दिया गया ।
यही स्थिति सरकार द्वारा अब एचसीएस भर्ती प्रक्रिया 2023 में भी दोहराई गई जिसमें अनुसूचित जाति के आरक्षित 31 पदों में से केवल 22 युवाओं को ही साक्षात्कार के लिये बुलाया गया, जबकि 31 के तीन गुणा के हिसाब से 93 युवाओं को बुलाना चाहिए । यहॉ यह अचरज का विषय है कि सरकार द्वारा 31 पदों में से केवल 22 पदों पर ही भर्ती करके 09 पद खाली छोड़ दिए गए । वहीं पिछड़ा वर्ग में भी आरक्षित वर्ग के 19 युवाओं को ही साक्षात्कार के लिए बुलाया गया, जबकि नियमानुसार तीन गुणा बुलाने चाहिए। इस प्रकार पिछड़ा वर्ग के 19 युवाओं की ही भर्ती की गई जो सरासर आरक्षण का उलंघन है। सर्व अनु0 जाति संघर्ष समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान, हरियाणा आवाज फाउंडेशन के उपाध्यक्ष एवं पूर्व प्राचार्य डॉ शिवताज सिंह, हरियाणा प्रदेश चमार महासभा के प्रधान अनिल फाण्डन आदि ने सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि उपरोक्त तथ्यों से यह तो स्वतः जाहिर होता है कि एससी/बीसी के जिन युवाओं की सैटिंग हो गई या जो सरकार का चहेते थे, केवल उन्हीं को साक्षात्कार के लिये बुलाकर एचसीएस में भर्ती कर लिया गया और बाकी युवाओं को दर दर की ठोकरें खाने के लिये छोड़ दिया गया जिसमें सरकार की जातिगत व आरक्षण विरोधी दुर्भावना स्वतः उजागर होती है जो एक संगीन मामला है। यहॉ यह गौरतलब है कि आरक्षित वर्ग की सभी सीटें भरने की बजाय कुछ सीटें खाली छोड़ दी जाती रही हैं और उन्हें सोची समझी चाल के तहत बाद में सामान्य वर्ग से भर ली जाती है, परन्तु यहां गौरतलब व खेद का विषय है कि सामान्य वर्ग की आजतक कोई सीट कभी भी खाली नहीं छोड़ी गई ।
इन अनियमितताओं के सम्बन्ध में आरक्षित वर्ग के युवाओं व विभिन्न संगठनों द्वारा सरकार को अवगत भी कराया जाता रहा है, परन्तु इसके बावजूद सरकार भेदभाव से ग्रस्त अपनी हठधर्मी पर कायम है जो न्यायसंगत नहीं है । रोष स्वरूप अखिल भारतीय आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष एवं पूर्व तहसीलदार लालाराम नाहर ने बताया कि इस मामले में गत अवधि में सीडब्ल्यूपी नं0 10749 आफ 2023 सतीश कुमार बनाम हरियाणा सरकार व अन्य द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में केस भी दायर किया हुआ है । सरकार की दुर्भावना से ग्रस्त आरक्षण व संविधान विरोधी इस कार्यशैली से हरियाणा के समस्त एससी व बीसी समाज में भारी रोष व्याप्त है और सभी बहुजन संगठन सरकार की इस अव्यवहारिक कार्यशैली की घोर निन्दा करते हैं और सरकार को यह भी चेतावनी देते हैं कि सरकार आरक्षण विरोधी भेदभाव करने पर रोक लगाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे ताकि भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं की पुनरावृत्ति ना हो। न्याय ना मिलने की अवस्था में हरियाणा का समस्त अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग रोष प्रदर्शन व धरना आदि की रणनीति बनाने के लिए बाध्य होगा।
इस अवसर पर धर्मशाला खटीक सभा के प्रधान डॉ सतवीर सिंह चौहान, धानक समाज के शिवनारायण मोरवाल, रविदास एवं अंबेडकर महासभा फेडरेशन के प्रदेश लेखा परीक्षक रामकुमार ढ़ैणवाल, इम्पावरमेंट के प्रधान एवं प्राचार्य अमर सिंह निमहोरिया, संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष एवं वाल्मीकि सभा के राजेश चांवरिया, डॉ अम्बेडकर जन जाग्रति मंच के प्रधान जसवंत भाटी, खण्ड अटेली के प्रधान प्रभु दयाल व कोषाध्यक्ष दयानंद सांवरिया, डॉ अम्बेडकर युवा समिति के प्रधान अनिल महायच , महासचिव मैनपाल महायच, कानूनी सलाहकार एवं बार एसोसिएशन के एडवोकेट गजानंद दोचानिया, कबीर सामाजिक उत्थान संस्था दिल्ली के प्यारेलाल चवन, सामाजिक परिवर्तन संघ के सचिव सुमेर सिंह गोठवाल, हरियाणा प्रदेश चमार महासभा के महासचिव गुरदयाल सिंह नाहर, रामचंद्र गोठवाल, पूर्व प्रबंधक जयपाल सिंह, पूर्व चीफ मैनेजर मदनलाल डाडैया व विजय सिरोहा, पूर्व विजिलेंस इंस्पेक्टर अतर सिंह खिंची, पूर्व प्रधान आरसी ग्रोवर, हरिराम सिरोहा, सचिव हजारीलाल खटावला, अमरनाथ सिरोहा, रामनिवास, वाल्मीकि समाज के करतार सिंह जैदिया, राजेन्द्र सिंह जालवान, कन्हैयालाल कालोरिया, स्योताज सिंह कोथलखुर्द, मामनराम, नम्बरदार साधुराम, बलबीर सिंह, एडवोकेट सुभाष कामरेड, मोहनलाल आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
सौजन्य:बस्ती टाइम्स 24
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