Jabalpur News: ‘4 महीने में शहीद के पट्टा आवेदन पर फैसला ले प्रशासन’, जवान को मिलने वाली जमीन पर हाईकोर्ट सख्त
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने होशंगाबाद जिले के महुआ खेड़ा गांव में 15 एकड़ जमीन का पट्टा नहीं मिलने पर सेना के जवान के मामले में हस्तक्षेप किया है। हाईकोर्ट ने तहसीलदार सोहागपुर को जमीन पर पट्टे के लिए उनके आवेदन का 4 महीने के भीतर निपटारा करने को कहा है।
जबलपुर : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सेना के एक जवान के मामले में हस्तक्षेप किया है, जिसे युद्धों में बहादुरी के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गई 15 एकड़ जमीन का पट्टा नहीं मिल पाया। हाईकोर्ट ने तहसीलदार सोहागपुर को 4 महीने के भीतर जमीन पर पट्टे के लिए उसके आवेदन का निपटारा करने को कहा है। सेना के जवान ने दो युद्धों में देश के लिए लड़ाई लड़ी और युद्धों में दिखाए गए पराक्रम के लिए उसे वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बता दें कि इस बीच सेना के जवान भोला सिंह का निधन हो गया और जमीन पर पट्टे के लिए कानूनी लड़ाई उनके बेटे साहब सिंह द्वारा लड़ी जा रही है। याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस एमएस भट्टी ने पाया कि 14 साल पहले दायर याचिका में राज्य सरकार ने नोटिस का जवाब भी दाखिल नहीं किया है।
साल 2010 में दायर अपनी याचिका में साहब सिंह ने कहा था कि उनके पिता भोला सिंह भारतीय सेना में थे और उन्होंने दो युद्ध लड़े थे। युद्धों में दिखाई गई वीरता के लिए उन्हें वीरता पुरस्कार भी दिया गया था। वीरता पुरस्कार मिलने पर उन्हें होशंगाबाद जिले की सोहागपुर तहसील के अंतर्गत महुआ खेड़ा गांव में 15 एकड़ जमीन दी गई थी। उनके पिता ने वर्ष 1995 में जमीन के पट्टे के लिए आवेदन किया था। पट्टे के लिए आवेदन अभी भी लंबित है, जबकि उनके पिता अब जीवित नहीं हैं।
याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि मामले में प्रतिवादियों को अगस्त 2010 में नोटिस दिए गए थे। अप्रैल 2024 में राज्य सरकार को याचिका पर जवाब देने का अंतिम मौका दिया गया था। इसके बावजूद अभी तक जवाब दाखिल नहीं किया गया है। याचिका का निपटारा करते हुए न्यायमूर्ति आहलूवालिया ने कहा कि यदि तहसीलदार सोहागपुर ने मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है तो उन्हें गांव के सरपंच व अन्य संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना चाहिए। और आगामी चार माह के भीतर स्वर्गीय भोला सिंह के आवेदन पर निर्णय करना चाहिए।
सौजन्य :नवभारत टाइम्स
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