Balrampur News: दलित युवक के आत्मदाह मामले की जांच करेगी एसआईटी
बलरामपुर। दलित राम बुझारत के आत्मदाह मामले की निष्पक्ष जांच के लिए शासन ने विशेष जांच टीम गठित कर दी है। हाईकोर्ट के आदेश पर गृह विभाग की ओर से गठित एसआईटी में अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे) जय नारायण सिंह व अपर आयुक्त देवीपाटन रामप्रकाश को शामिल किया गया है। विशेष सचिव गृह विवेक ने आदेश जारी कर एसपी को निर्देश दिया है कि निष्पक्ष जांच के लिए मामले से जुड़ी सभी पत्रावलियां एसआईटी को उपलब्ध कराई जाएं।
24 अक्तबर 2023 को गैड़ास बुजुर्ग थाने के सामने एक निजी भूमि पर रातोंरात पिलर लगाकर कब्जा किया गया था। इसकी जानकारी होने पर दलित राम बुझारत ने थाने में शिकायत की। इस पर उन्हें थाने में ही रोक लिया गया। इसके बाद भूमि पर कब्जा होने से आहत होकर राम बुझारत फेसबुक पर लाइव आकर आत्मदाह कर लिया। उन्हें लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां 30 अक्तूबर को उनकी मौत हो गई। मामले की एफआईआर भी गैड़ास बुजुर्ग थाने में दर्ज हुई थी। जिसमें राम बुझारत की पत्नी कुसुमा ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए और हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। उन्होंने पति की मौत के मामले की जांच में पुलिस की कार्रवाई पर संदेह जताया था। बताया जा रहा है कि मामले की विवेचना भी बहराइच जनपद ट्रांसफर कर दी गई थी। जिसकी खासी चर्चा थी। कुसुमा ने जांच में लीपापोती की आशंका जताई थी। मामले में जिलाधिकारी अरविंद सिंह की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से हाईकोर्ट को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गई। इसके बाद हाईकोर्ट ने एसआईटी से जांच कराने का आदेश दिया था। जिस पर कार्रवाई करते हुए शासन ने एसआईटी गठित कर जांच शुरू करा दी है।
गैड़ास बुजुर्ग में दलित राम बुझारत की मौत के मामले में जिम्मेदारी तय करने में पुलिस के कदम थमे रहे। पहले तो मजिस्ट्रेटी जांच में तत्कालीन थानाध्यक्ष पवन कुमार कनौजिया की लापरवाही उजागर हुई और उन्हें निलंबित किया गया। इसके बाद फिर उन्हें बहाल कर दिया गया। डीएम अरविंद सिंह की ओर से कार्रवाई के आदेश पर पूर्व थानाध्यक्ष पवन कुमार ने हाईकोर्ट से स्टे हासिल कर लिया। इसके बाद अविश्वास बढ़ता गया, वहीं पीड़िता की एफआईआर की जांच बहराइच पुलिस को ट्रांसफर करने पर भी सवाल उठते रहे। अब एसआईटी जांच में आत्मदाह की पूरी स्थिति के साथ ही अब तक की गई समस्त कार्रवाई की पड़ताल होगी। इससे कई जिम्मेदारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
मामला गंभीर इस वजह से भी है कि पुलिस पर ही जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा था और एक व्यक्ति को जान देनी पड़ी। डीएम अरविंद सिंह ने पूरे मामले में कई रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी हैं। एसपी केशव कुमार के स्तर से भी कार्रवाई के लिए लिखापढ़ी की गई है। अब तक की गई समस्त कार्रवाई की पड़ताल भी एसआईटी करेगी। इसके लिए सभी अभिलेख मांगे गए हैं, जिसमें भूमि से जुड़े मुकदमों के साथ ही घटनाक्रम की रिपोर्ट आदि शामिल है। इसमें बलरामपुर के साथ ही बहराइच की पुलिस भी अब जांच के दायरे में है। कारण मामले की जांच बहराइच पुलिस कर तो रही है लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। पीड़िता कुसुमा देवी का कहना है कि अब उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है।
राम बुझारत की भूमि का विवाद पहले से सिविल कोर्ट बलरामपुर में विचाराधीन है। 27 नवंबर 2018 को तत्कालीन एसडीएम उतरौला ने नवीन थाने के निर्माण के लिए जमीन आवंटित की थी, उसकी समस्त नक्शा नजरी पुलिस को हैंडओवर की गई। इसमें थाने के आगे की जमीन थाना परिसर निर्माण के लिए कभी नहीं दी गई थी। कार्यदायी संस्था पुलिस आवास निगम के ले-आउट में भी आगे की जमीन थाने की जमीन नहीं है, इसके बाद भी जमीन पर कब्जा होना चौंकाने वाला था। जमीन पर कब्जा नवरात्रि, दुर्गापूजा एवं दशहरे की छुट्टियों में किया गया। इसे लेकर पुलिस की भूमिका पर डीएम अपनी रिपोर्ट में सवाल उठा चुके हैं। एसआईटी जांच में कार्यदायी संस्था भी सवालों के घेरे में है।
सौजन्य :अमर उजाला
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