वरुण गांधी को टिकट न मिलने पर मेनका गांधी क्या बोलीं?- प्रेस रिव्यू
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी की उम्मीदवारों की लिस्ट में पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया गया है|हालांकि वरुण की मां और सांसद मेनका गांधी को बीजेपी ने सुल्तानपुर से एक बार फिर टिकट दिया है|
रिपोर्ट में मेनका गांधी के एक इंटरव्यू के हवाले से कहा गया है कि वरुण को टिकट न मिलने से न वो हैरत में हैं और न ही परेशान|मेनका गांधी ने कहा, ”बीजेपी कार्यकर्ताओं वाली पार्टी है. जो फ़ैसला किया जाता है, सब उसे मानते हैं| पीलीभीत से बीजेपी ने जितिन प्रसाद को टिकट दिया है. जितिन प्रसाद योगी कैबिनेट में मंत्री भी हैं|बीते कुछ सालों में वरुण गांधी महंगाई, बेरोज़गारी के मुद्दे पर अपनी ही सरकार की आलोचना करते रहे हैं|
मेनका गांधी ने कहा, ”मुझे नहीं मालूम कि वरुण गांधी क्या कोई दूसरी पार्टी में शामिल होंगे या भविष्य को लेकर उनकी क्या योजनाएं हैं.”मेनका बोलीं, ”ये मायने नहीं रखता कि मुझे मंत्री बनाएंगे या नहीं. मेरे क्षेत्र के मतदाताओं को कोई परेशानी नहीं हुई. कोई फर्क नहीं पड़ता. काम की गति बढ़ी ही है.” केंद्र में मोदी सरकार के 10 साल के दौरान वरुण गांधी को न तो कैबिनेट में कोई ज़िम्मेदारी मिली और न ही संगठन में. पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि वरुण गांधी पीलीभीत से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे लेकिन 27 मार्च को जब नामांकन भरने का समय समाप्त हो गया तो इन अटकलों पर भी विराम लग गया|
बीजेपी की चुनावी लिस्ट जब आई थी, तब वरुण गांधी ने कुछ दिन बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी थी.वरुण गांधी ने लिखा था, ”एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले ही समाप्त हो रहा है, पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक ख़त्म नहीं हो सकता. सांसद के तौर पर नहीं, तो बेटे के तौर पर सही. मैं आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहूंगा. मेरे दरवाज़े आपके लिए हमेशा खुले रहेंगे|16 फ़रवरी 2004 को क़रीब 24 साल की उम्र में वरुण ने अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी.
सौजन्य : बीबीसी
नोट: यह समाचार मूल रूप सेbbc.com में प्रकाशित हुआ है|और इसका उपयोग पूरी तरह से गैर-लाभकारी/गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से मानव अधिकार के लिए किया गया था।