नाबालिग से दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार: आदिवासी बालिका को बेटी बनाकर रखा था अपने पास, भेजा गया जेल
अनूपपुर। 10 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म के बाद से फरार चल रहे आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 50 वर्षीय ललित दुबे को कोतवाली पुलिस ने सांधा तिराहे के पास धर दबोचा। आरोपी अनूपपुर से बाहर कहीं जाने के फिराक था। आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस अधीक्षक द्वारा 10,000 रुपये की घोषणा की गई थी। शुक्रवार को चिकित्सीय जांच के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
बता दें कि 10 वर्षीय नाबालिग ने 5 मार्च को अपनी मां के साथ थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सोशल वर्क का काम करने वाला परिचित ललित दुबे का घर आना जाना होता था। जिसके द्वारा नाबालिग बालिका को अकेला पाकर गलत काम किया गया था।
वामपंथी विचार धारा का वाहक ललित दुबे अनूपपुर में रहकर अपने आप को सोशल वर्कर, शॉर्ट फिल्म मेकर और कहानीकार बताता है। आरोपी पत्रकारिता के साथ ही पूर्व के 3 वर्षों तक किशोर बाल कल्याण समिति (CWC) का सदस्य रहने के साथ ही जन अभियान परिषद में परामर्शदाता के पद पर रह चुका था। इतना ही नहीं जन स्वास्थ्य गनियारी छ.ग. के संस्थाना में फुलवारी योजना राजेन्द्रग्राम में 2 साल तक समन्वयक, एनजीओ डियर इंडिया सोशल सोसायटी के सचिव तथा वर्तमान में प्रगतिशील लेखकर संघ अनूपपुर (प्रलेस) में संयुक्त सचिव है।
जानकारी अनुसार ललित दुबे ने आदिवासी समाज की परंपरा के अनुसार नारियल देकर पीड़िता को अपनी बेटी बना लिया था। उसी के साथ दुष्कर्म किया। अब ललित दुबे की कहानी परत दर परत निकलनी शुरू हो गई है। समाजसेवी का लवादा ओढ़ कर हाई प्रोफाइल रहन सहन का दिखावा करने वाला कटनी जिले के बरही क्षेत्र का मूल निवासी ललित दुबे लगभग 15 वर्ष पूर्व शहडोल जिले में एनआरएलएम का कर्मचारी था। जहां पर इसके ऊपर इसी तरह का एक आरोप लगा। इससे छुटकारा पाने के लिए अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर अनूपपुर जिले से पलायन करना पड़ा।
शहडोल जिले से भाग कर अनूपपुर जिले में आया और किसी तरह से अपनी ऊंची पहुंच के कारण पहले जन अभियान परिषद से जुड़ा बाद में छोड़कर किशोर कल्याण बोर्ड का सदस्य बना। सूत्रों की माने तो ललित दुबे लगभग 10-12 सालों से अनूपपुर में प्रतिष्ठित लोगों के बीच पैठ बना रखी थी।
सौजन्य : Lalluram
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