छात्रावास में आदिवासी छात्र की फांसी पर लटकी लाश मिली,अधीक्षक निलंबित
अंबिकापुर । सरगुजा जिले के दरिमा स्थित प्रीमैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास में आठवीं के आदिवासी छात्र की फांसी पर लटकी लाश मिलने से प्रशासन में हड़कंप मचा है। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का है। मृतक मुकेश तिर्की (13) मूलतः सीतापुर के बिशुनपुर का रहने वाला था।
मृतक के पथरी से पीड़ित होने और दो दिनों तक स्कूल नहीं जाने के बाद भी उपचार की व्यवस्था नहीं करने को घोर लापरवाही मानते हुए कलेक्टर विलास भोस्कर ने छात्रावास अधीक्षक को निलंबित कर दिया है। कलेक्टर ने दंडाधिकारी (मजिस्ट्रियल) जांच के आदेश दिए हैं। एसडीएम अंबिकापुर फागेश सिन्हा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। बुधवार को छात्र का शव दरिमा स्थित छात्रावास में मिला था।
छात्र की मौत के मामले पर कलेक्टर विलास भोस्कर एवं पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने तत्काल संज्ञान लिया और स्वयं अंबिकापुर चिकित्सालय पहुंचे। यहां तीन चिकित्सकों की टीम से शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। कलेक्टर ने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है। प्रशासन द्वारा संवेदनशीलता बरतते हुए त्वरित कार्यवाही हेतु तीन डॉक्टरों की टीम के द्वारा पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। टीम को सभी पॉइंट की विस्तृत जांच कर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने बताया कि छात्रावास अधीक्षक की घोर लापरवाही के मद्देनजर अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इसके साथ ही मामले की जांच में कोई बिंदु ना छूटे, इसके लिए एसडीएम अंबिकापुर को मजिस्ट्रियल जांच हेतु अधिकृत किया गया है। एसडीएम अंबिकापुर को तीन दिन में विधिवत जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करना होगा।
कलेक्टर ने कहा कि बच्चे बेहद संवेदनशील होते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए पालकों से भी अपील है कि बच्चों की मनःस्थिति को समझें। साथ ही स्कूल, छात्रावास प्रबंधन को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को किसी भी तरह की समस्या होने पर तत्काल उच्च अधिकारियों को सूचना दें।
एसपी अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के मामलों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा शिक्षक एवं स्कूल, छात्रावास प्रबंधन से बात की जाएगी। बच्चों के मानसिक तनाव को कम करने का प्रयास किया जाएगा। बच्चों के साथ संवेदशीलता के साथ व्यवहार करना चाहिए। बच्चों की मनोस्थिति को समझने स्कूलों में मेंटल हेल्थ केयर के स्पेशलिस्ट की मदद ली जाएगी।
अधीक्षक की घोर लापरवाही पर निलंबन की सजा
कलेक्टर सरगुजा द्वारा प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दरिमा के छात्रावास अधीक्षक भूपेश सिंह कश्यप, छात्रावास अधीक्षक श्रेणी स को अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरते जाने स्वरूप तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उक्त अधीक्षक का कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम एक एवं दो के विपरीत होने के कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के तहत निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग अंबिकापुर निर्धारित किया गया है। छात्र के बीमार होने की बात सामने आ रही है। इसके बाद भी उसका उपचार कराने की व्यवस्था नहीं की गई। दो दिन से छात्र स्कूल भी नहीं जा रहा था।
तीन दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देंगे एसडीएम
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सरगुजा द्वारा घटना की मजिस्ट्रियल जांच हेतु एसडीएम अंबिकापुर फागेश सिन्हा को विस्तृत जांच करने अधिकृत किया गया है। एसडीएम अंबिकापुर मृत्यु के दृश्यमान कारणों की विधिवत जांचकर तीन दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे।
विभागीय जांच हेतु टीम गठित
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने बताया कि उक्त घटना की जांच हेतु दो सदस्यीय समिति गठित की गई है जिसमें सहायक संचालक अंकिता मरकाम और सहायक संचालक महेंद्र पाल खांडेकर शामिल हैं, जो घटना की सूक्ष्म जांचकर जांच प्रतिवेदन तीन दिवस के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
यह है मामला
सरगुजा जिले के ग्राम दरिमा स्थित प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास में कक्षा आठवीं के छात्र की बुधवार शाम फांसी पर लटकी लाश मिली थी।मृतक मुकेश तिर्की पिता रामजी तिर्की (13) सीतापुर के ग्राम विशुनपुर का रहने वाला था। दावा किया जा रहा है कि बालक पथरी की बीमारी से ग्रसित था। स्वजन उसका जड़ी बूटी से उपचार करा रहे थे लेकिन छात्रावास प्रबंधन ने उसके उपचार की व्यबस्था नहीं की। पेट दर्द से भी छात्र परेशान रहता था। दस दिन गांव में जड़ी बूटियों से इलाज करा 20 फरवरी को वापस छात्रावास लौटा था। पथरी के दर्द के कारण वह दो दिन से स्कूल नही जा रहा था। बुधवार को भी वह बीमार होने की जानकारी दी थी। उसके दोस्त स्कूल गए थे लेकिन वह छात्रावास में ही था। स्कूल से वापस छात्रावास लौटे सहपाठियों ने जब कमरा बंद देखा तो आवाज लगाया, कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर रोशन दान से झांक कर देखा तो छात्र को फंदे पर झूलता पाया। यह देख छात्रावास में हड़कंप मच गया था तत्काल खिड़की तोड़ दरवाज़ा खोला गया और छात्र को नीचे उतारा गया था।
सौजन्य : Naidunia
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