कुचला चेहरा, शरीर पर अनगिनत चोटें, बंगाल के मालदा में एक और नाबालिग से रेप के बाद हत्या
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बीते कई दिनों से महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। संदेशखाली में लगातार यौन उत्पीड़न और हंगामे की खबरें सामने आ रही हैं। अब मालदा इलाके में एक आदिवासी और आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार की नाबालिग बच्ची की लाश मिली है। नाबालिग लड़की का शव बुरी तरह से क्षतविक्षत था और वह एक ईंट-भट्टे के पास लावारिस पड़ी थी। बच्ची एक दिन पहले स्कूल गई थी लेकिन उसके बाद लापता हो गई थी। पीड़ित नाबालिग के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पहले उसके साथ बलात्कार किया गया, बाद में उसकी हत्या कर दी गई और शव को ईंट-भट्टे में फेंक दिया गया। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं इस मामले को लेकर बीजेपी ने एक बार फिर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है।
स्थानीय पुलिस ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारण पता चल सकेगा। उन्होंने कहा कि अभी यह भी साफ नहीं है कि लड़की के साथ रेप हुआ या नहीं।
चेहरा बुरी तरह से कुचला
लड़की के परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि वह गुरुवार देर शाम से लापता थी। उन्होंने पूरी रात उसकी तलाश की और शुक्रवार तक जारी रखा। अंत में, उसका शव एक सूनसान ईंट भट्टे की एक भट्टी के पीछे पाया गया। लड़की का चेहरा बुरी तरह से कुचला हुआ था।
बेहद गरीब है परिवार
परिवार ने कहा, ‘हमें संदेह है कि पहले उसके साथ बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। हम इस मामले की गहन जांच की मांग करते हैं। हम इस मामले में उचित जांच की मांग करते हैं। हम बेहद गरीब आर्थिक पृष्ठभूमि से आ रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद मैंने उसे एक स्थानीय स्कूल में भर्ती कराया। मैं चाहती थी कि वह पढ़-लिखकर कुछ करे।’
‘बंगाल का हर गांव संदेशखाली’
बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री पद से हटने या बाहर होने से पहले और कितनी महिलाओं और नाबालिग लड़कियों का बलात्कार और हत्या की जाएगी? नृशंस बलात्कार और हत्या का एक और केस, ओल्ड मालदा विधानसभा के भाबुक गांव में एक ईंट भट्टे में नौवीं कक्षा की एक आदिवासी छात्रा मृत पाई गई। बंगाल में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है और इसके लिए अकेले ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। उन्होंने बंगाल के हर गांव को संदेशखाली में बदल दिया है।’
इधर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मालदा में खुले बाजार में कपड़े उतारकर पिटाई करने वाली दो महिलाओं को तीन-तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। पिछले साल जुलाई में मालदा के बामनगोला के पाकुआहाट में चोरी के आरोप में दो महिलाओं के कपड़े उतार दिए गए थे और उनकी पिटाई की गई थी। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई।
सौजन्य : Navbharat times
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