आदिवासी स्कूलों में इस बीमारी की चपेट में बच्चे, राज्यपाल ने जांच का दिए निर्देश
आदिवासी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की स्वास्थ्य रिपोर्ट चौकाने वाली है। स्वास्थ्य चेकअप के दौरान कई बच्चों में आनुवांशिक बीमारी के मिली है। आदिवासी स्कूलों में विशेष अभियान में 30 हजार से ज्यादा बच्चों में सिकल सेल जांच की गई। इसमें 100 से ज्यादा बच्चों में आंशिक लक्षण मिले हैं। इसमें से पांच की रिपोर्ट पॉजिटिव है। ऐसे बच्चों के माता-पिता की भी स्क्रीनिंग की जा रही है । बीमारी के चपेट में आने वाले बच्चों के दो पीढ़ी की जांच होगी।
राज्यपाल ने प्रत्येक बच्चे की जांच करने दिए निर्देश
जनजातीय कार्य विभाग के खालवा क्षेत्र में आदिवासी स्कूल संचालित हैं। एक माह पहले हरसदू में राज्यपाल पहुंचे थे। उन्होंने आदिवासी स्कूलों के प्रत्येक बच्चे की जांच करने के निर्देश दिए थे। अभियान के दौरान तीस हजार से अधिक बच्चों में सिकल सेल की जांच की गई। अभी अधिकांश बच्चों की रिपोर्ट आना बाकी। प्रारंभिक रिपोर्ट में पांच की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। सौ से ज्यादा बच्चों में लक्षण मिले हैं। अभी स्कूलों में बच्चों की स्क्रीनिंग जारी है। आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों की भी स्क्रीनिंग शुरू की गई है। आनुवांशिक और पॉजिटिव बच्चों के ब्लड ग्रुप कार्ड बनाए जाएंगे।
381 स्कूलों में बच्चों की स्क्रीनिंग
सिकल सेल स्क्रीनिंग के लिए जनजातीय क्षेत्र के 23 हायर सेकंडरी, 21 हाई स्कूल, 5 कन्या शिक्षा परिषद, एक एकल्व्य, एक आदर्श आवासीय विद्यालय, 232 प्राथमिक व 98 माध्यमिक स्कूलों में बच्चों की स्क्रीनिंग की जा रही है। अभी तक तीस हजार से अधिक बच्चों की जांच पूरी हो गई है।
ऐसे समझें ब्लड ग्रुप रिलेशन
सिकल सेल की जांच कर रहे चिकित्सकों का कहना है जो लड़के व लड़की वाहक की श्रेणी में हैं। यदि वे एक दूसरे से विवाह करेंगे तो उनके बच्चे पॉजिटिव होंगे। इसमें पॉजिटिव व वाहक के बीच विवाह होता है तो आनुवांशिक की संभावना कम होगी। इस लिए इस बीमारी में अगली पीढ़ी को बचाने के लिए जन्म पत्री के साथ-साथ ब्लड ग्रुप मिलाना जरूरी है।
आदिवासी स्कूलों में बच्चों की स्क्रीनिंग चल रही है। अभी फाइनल रिपोर्ट नहीं आई है। पॉजिटिव और आंशिक लक्षण वाले चिह्नित किए गए बच्चों के कार्ड बनाए जाएंगे। उनके माता-पिता की जांच की जाएगी। जिन बच्चों में वाहक के लक्षण मिले हैं उनका भी इलाज किया जाएगा। कार्ड बनाए जाएंगे।
डॉ ओपी जुगतावत, सीएमएचओ
सौजन्य : Patrika
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