नहीं देखा होगा ऐसा अनोखा बैंड, जहां संगीत की ध्वनि के साथ गरीबी से लड़ती हैं दलित महिलाएं
बिहार की राजधानी पटना में दलित महिलाओं ने मिलकर अपना एक बैंड बनाया है, ताकि वह गरीबी और समाज में उनके साथ हो रहे पक्षपात से लड़ सकें|
आपने आज तक कई बैंड-पार्टी वालों को देखा होगा. आप उन बैंड वाली की धुन पर नाचे भी होंगे. अक्सर जब भी हम किसी शादी-पार्टी में जाते हैं, तो हमें अलग-अलग प्रकार के बैंड पार्टी वाले देखने को मिलते हैं, जो उस समारोह में माहौल बना देते हैं. लेकिन क्या कभी आपने यह जानने की कोशिश की है कि आखिर उस बैंड के सदस्यों ने यही पेशा क्यों चुना. शायद आपने कभी ऐसा ना सोचा हो, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे बैंड के बारे में बताएंगे, जिसके चर्चे पूरे देश में है और उस बैंड की सभी सदस्य दलित महिलाएं हैं, जिन्होंने गरीबी और पक्षपात से लड़ने के लिए यह पेशा चुना.
सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है कि कोई ऐसा बैंड भी है, जिसकी सभी सदस्य महिलाएं है, लेकिन यह सच है और काफी दुर्लभ भी. इसके अलावा इस बैंड की सबसे खास बात यह है कि इस बैंड की हर संगीतकार एक दलित महिला है. बिहार के पटना जिले के दो गांवों ढिबरा और समर की महिला दलित संगीतकारों के ग्रुप को जो बात और भी उल्लेखनीय बनाती है, वह यह है कि इस ग्रुप के सदस्यों ने अत्यधिक गरीबी की बाधाओं पर अब काबू पा लिया है|
सौजन्य:ज़ी न्यूज़
नोट: यह समाचार मूल रूप सेzeenews.india.com में प्रकाशित हुआ है |और इसका उपयोग पूरी तरह से गैर-लाभकारी/गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से मानव अधिकार के लिए किया गया था।