अनाथालय मेंउल्टा लटकाया; लाल मिर्चका दिया धुँआ, नाबालिग लड़कियों पर अत्याचार की जांच शुरू
नाबालिग लड़कियों को लोहेके चिमटे सेदागा जाता था, अनाथालय पर बच्चियों को लाल मिर्चमिला हुआ धुआं सूंघानेका भी आरोप है। अब इस मामलेमेंमध्य प्रदेश पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।क्या है पूरा मामला|
बीते दिनों मध्य प्रदेश के इंदौर मेंप्रशासन ने एक निजी अनाथालय पर कार्रवाई करते हुए सील कर दिया था। छापा मारने के दौरान अनाथालय में कई कमियां देखने को मिली थीं। इंदौर के विजयनगर स्थित निजी अनाथालय पर कई गंभीर आरोप भी लगे। आरोप है कि अनाथालय में 21 लड़कियां थीं, जिनके ऊपर कई तरह के अत्याचार किए जाते थे। इसमेंआरोप है कि नाबालिग लड़कियों को लोहे के चिमटे से दागा जाता था, अनाथालय पर बच्चियों को लाल मिर्चमिला हुआ धुआं सूंघानेका भी आरोप है। अब इस मामले में मध्य प्रदेश पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
इंदौर के विजयनगर स्थित अनाथालय पर एफआईआर भी दर्जकरवाई जा चुकी है। मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा अब इस मामलेकी जांच भी शुरू कर दी गई है। इस बारे में बात करते हुए बाल कल्याण समिति के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले की सूचना कुछ दिन पहलेउन्हें मिली थी। सूचना मिलने के बाद अनाथालय पर छापा मारा गया था। छापेमें 21 लड़कियों को सुरक्षित निकालकर दूसरी जगह पर भेज दिया गया था। अधिकारियों नेबताया कि इस मामले में प्रबंधनक समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्जकिया गया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अनाथालय के बच्चों की देखभाल करने वाले बच्चियों को बासी भोजन और सड़े हुए फल देतेथे। इस बारेमेंबात करतेहुए एक पीड़िता नेबताया कि अगर वो लोग उस बासी खानेऔर सड़े हुए फल खानेसेइनकार कर देतेथेतो उन्हेंकेयरटेकर जबरदस्ती खिलाता था और पिटाई भी करता था। इस मामलेकी जानकारी देतेहुए एक लड़की ने बताया कि यहां उन्हें पहली मंजिल पर रेलिंग सेउल्टा लटका दिया जाता है और सजा के तौर पर उन्हेंलाल मिर्चमिला हुआ धुंआसूंघनेके लिए मजबूर किया जाता है।
इस मामलेपर बात करतेहुए महिला एवं बाल विकास विभाग के बाल संरक्षण अधिकारी भगवान दास साहू नेकहा कि हमने यह भी पाया हैकि अनाथालय मेंबाहरी लोगों के आने-जानेपर कोई प्रतिबंध नहीं था। आरोप लगेहैंकि अनाथालय मेंपुरुषों की कई तस्वीरेंहैं। इस बारेमेंबात करतेहुए लड़कियों नेबताया कि केयरटेकर के एक पुरुष साथी नेकुछ हफ्तेपहलेअनाथालय में कम से कम कुछ दिन बिताए थे। यह सब मौजूदा मानदंडों के खिलाफ है। यहां यौन उत्पीड़न का कोई आरोप नहीं लगाया गया हैलेकिन हम परामर्शऔर चिकित्सा जांच की जा रही है।
सौजन्य:लाइव हिंदुस्तान
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