कर्नाटक के सरकारी स्कूल में छात्रों को शौचालय साफ करने के लिए किया गया मजबूर, वीडियो आया सामने
बेंगलुरु. कोलार (Kolar) में स्कूली छात्रों को सोकपिट साफ करने के लिए ‘मजबूर’ करने की घटना के कुछ दिन बाद, यहां एक सरकारी स्कूल (Karnataka Government School) में विद्यार्थियों से कथित तौर पर शौचालय साफ करने के लिए कहे जाने की एक और घटना सामने आई है।
सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित वीडियो में कथित तौर पर कुछ छा त्रों को शहर के आंद्रहल्ली में शौचालय की सफाई करते देखा गया था । घटना के बा द, छा त्रों के माता -पिता ने आक्रोश जताते हुए स्कूल परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और इसके प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की । अधिकारियों ने कहा कि त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग ने स्कूल की प्रधानाध्यापिका को निलंबत कर दिया ।
घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी .के. शिवकुमा र ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने घटना की जानकारी लेने के लिए एक बैठक बुलाई है और मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्हों ने कहा ,“मैंने एक बैठक बुला ई है। मैं इसके बारे में पता करके वास्तविक रिपोर्ट हासिल करूंगा । पूर्व में भी ऐसी एक घटना हुई है और हमने उसके खि लाफ कानूनी कार्रवाई की है।”
बच्चों का पालन-पो षण ठीक से किए जाने और उन्हें मजबूत बनाए जाने का उल्लेख करते हुए शिवकुमा र ने कहा कि स्कूलों में शौचालयों की सफाई की व्यवस्था है। उन्हों ने उल्लेख किया ,“हमें बच्चों का गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। पहले एनएसएस, सेवा दल शिविर बच्चों को बगीचे की सफाई करने, पौधे लगा ने का प्रशिक्षण देते थे,लेकिन हमने किसी को भी शौचालय की सफाई के लिए बच्चों को शामिल करने की अनुमति नहीं दी है।”
कर्ना टक के प्राथमिक और माध्यमि क शिक्षा मंत्री मधुबंगारप्पा ने घटना की निंदा की और इसे “चौंकाने वाला” और “निंदनिं नीय” बताया । उन्होंने कहा ,“…इसमें को ई संदेह नहीं है कि हम का नून के अनुसार सख्त कार्रवा ई करेंगे। इसके अलावा , मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो और हमारे वि भाग द्वारा सभी कार्रवा ई की जाए।” इस मही ने की शुरुआत में, कोलार जिले के एक स्कूल के प्रिंसिप्रिंसिपल और दो स्टाफ सदस्यों को इस आरोप में निलंबि त कर दिया गया था कि कुछ
छात्रों से स्कूल परिसर में ‘सोकपिट’ साफ कराया गया था । सोकपिट शौचालय के गड्ढे के समीप अतिरिक्त पानी सोखने वाला गढ़ा होता है |
सौजन्य : नवभारत
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