पंजाब : संगरूर के शादीहरी में आंदोलन कर रहे दलितों पर पुलिस का क़हर
पेंडू मज़दूर यूनियन और ज़मीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के नेताओं ने बताया कि संगरूर के गांव शादीहरी की घटना के विरोध में 9,10 और 11 दिसंबर को पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह, कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डिया और बिजली मंत्री हरभजन सिंह के घरों केे आगे धरने दिए जाएंगे।
पंजाब के ज़िला संगरूर में पंजाब पुलिस ने ढाई साल से नजूल ज़मीन पर हक़ लेने के लिए आंदोलन कर रहे गांव शादीहरी दलितों पर कहर ढाया है। नजूल ज़मीन पर बनी 40 अस्थाई झोपड़ियां को तहस-नहस कर दिया गया और धरने के लिए लगे टैंट उखाड़ दिए। पच्चीस लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। महिलाओं से बदसलूकी की गई। बुजुर्गों और बच्चों के साथ भी धक्केशाही हुई।
यह सब सोमवार की सुबह हुआ। संगरूर पुलिस ने भारी दलबल के साथ गांव शादीहरी को घेर लिया। ग़ौरतलब है कि राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले संगरूर से सांसद थे। उनका विधानसभा क्षेत्र इसी हल्के में आता है।
पेंडू मज़दूर यूनियन और ज़मीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी ने इस पुलिसिया कार्रवाई के ख़िलाफ़ समूचे पंजाब में धरना-प्रदर्शन किया और सूबे के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा तथा पुलिस के पुतले जलाए। पेंडू मज़दूर यूनियन और ज़मीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के नेताओं के मुताबिक यह रोष-प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक दलितों को उनका हक़ नहीं मिल जाता।
पेंडू मज़दूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष तरसेम पीटर ने कहा, “संगरूर ज़िले के गांव शादीहरी में 250 घरों के दलितों की ओर से नजूल ज़मीन का हक़ लेने के लिए ढाई साल से ज़मीनी मोर्चा चल रहा है। प्रशासन और सरकार दलितों के इस आंदोलन की ओर पीठ किए हुए है। अब वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की शह पर दलित मज़दूरों का छीनकर, सियासी हितों के चलते गांव के ही कुछ रसूखदार लोगों को देने की कवायद की जा रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। पंजाब की कई किसान जत्थेबंदियां पीड़ित दलित परिवारों के साथ हैं।”
यूनियन के प्रेस सचिव कश्मीर सिंह घुलशेर के अनुसार, “सोमवार की सुबह साढ़े चार बजे भारी तादाद में पुलिस गांव शादीहरी पहुंच गई। 40 झोपड़ियां को तहस-नहस कर दिया गया। विरोध करने पर 25 लोगों को हिरासत में लिया गया। महिलाओं के साथ बदसलूकी की गई। बच्चों और बुजुर्गों को भी थप्पड़ मारे गए।”
ज़मीन प्राप्ति कमेटी के प्रधान मुकेश मालौद ने कहा, “विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी का मुख्य वादा था कि संघर्ष की राह इख़्तियार किए हुए लोगों को हर क़ीमत पर इंसाफ़ दिलाया जाएगा लेकिन अब सरकारी तंत्र जगह-जगह लोक आंदोलनों को कुचल रहा है। इस सरकार और पूर्ववर्ती सरकारों में फर्क ही क्या है! दलित मज़दूर और किसान अपने हक़ों के लिए संघर्ष के लिए मजबूर हैं। शांतिपूर्ण संघर्षों को पुलिसिया लाठी से कुचला जा रहा है।”
पेंडू मज़दूर यूनियन और ज़मीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के नेताओं ने बताया कि संगरूर के गांव शादीहरी की घटना के विरोध में 9,10 और 11 दिसंबर को पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह, कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डिया और बिजली मंत्री हरभजन सिंह के घरों केे आगे धरने लगाए जाएंगे।
ज़िक्रेख़ास है कि पंजाब में विभिन्न ज़िलों के गांवों में लोग नजूल ज़मीन का हक़ लेने के लिए आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार इस ओर तवज्जो नहीं दे रही। जबकि विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के नेता और मौजूदा मुख्यमंत्री भगवंत मान इस मुद्दे को ज़ोर-शोर से उठाया करते थे।
बता दें कि सरकार बनने से पहले’आप’ नेताओं का ज़ोर रहता था कि वे ज़रूरतमंदों को उनका हक़ दिला कर रहेंगे। अब इस पर ख़ामोशी है। कोई मंत्री और विधायक संगरूर के गांव शादीहरी की घटना पर बोलने को तैयार नहीं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने भी फ़िलहाल चुप्पी साधी हुई है।
सौजन्य- न्यूज़ क्लिक
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