रास्ता रोककर दलित जनप्रतिनिधि पर जानलेवा हमला; पोकरण दलित अधिकार अभियान कमेटी अनिश्चितकालीन धरने पर
झलारिया पूर्व सरपंच व जिला परिषद सदस्य के बेटे पर असामाजिक तत्वों ने गाड़ियों से रास्ता रोककर उनके साथ जानलेवा हमला कर मारपीट की थी। इस दौरान जातिसूचक शब्दों से अपमानित भी किया गया था। पोकरण दलित अधिकार अभियान कमेटी ने धरना देकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
राजस्थान के पोकरण में शुक्रवार को पोकरण दलित अधिकार अभियान कमेटी के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पूर्व सरपंच दीपाराम और समाज के लोगों ने उपखंड अधिकारी को संभागीय आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा। दीपाराम ने ज्ञापन में दलित जनप्रतिनिधि का रास्ता रोककर उनके साथ मारपीट कर जातिगत गालियां देने वालों की गिरफ्तारी की मांग की है।
ज्ञापन में बताया गया कि झलारिया पूर्व सरपंच व जिला परिषद सदस्य दीपाराम पुत्र रेश्माराम का असामाजिक तत्वों ने गाड़ियों से रास्ता रोककर उनके साथ जानलेवा हमला कर मारपीट की। इस दौरान उनको जातिसूचक शब्दों से अपमानित भी किया गया। इस घटना की संपूर्ण दलित समाज कड़े शब्दों से निंदा करता है।
गाड़ी रोक कर किया गया जानलेवा हमला
जानकारी के मुताबिक, 23 नवंबर की रात लगभग 10 बजे पूर्व सरपंच दीपाराम भील अपनी गाड़ी से पोकरण से नरसिंगपुरा अपने गांव जा रहे थे। उनके साथ पेमाराम पुत्र मानाराम व झलारिया पूर्व सरपंच नूरे खां भी थे। नरसिंगपुरा फांटा बस स्टैंड के पास सुनियोजित तरीके से एकराय होकर तीन बोलेरो कैंपर गाड़ियों में भरकर 25 से 30 राजपूत लोग आए। फिर उनकी गाड़ी के आगे रास्ता रोककर हमला कर मारपीट की और उनको जाति सूचक शब्द कहे। साथ ही जान से मारने की धमकियां भी दीं।
‘पुलिस अधीक्षक ने नहीं दिया संतोषजनक जवाब’
दीपाराम ने आरोप लगाया कि हमलावरों में सवाई सिंह, खेत सिंह, खेतसिंह पुत्र शंकर सिंह, धन सिंह, उम्मेद सिंह और अर्जुन सिंह सभी राजपूत सहित 25-30 लोग हमले में शामिल थे। घटना के तुरंत बाद पुलिस थाना भणियाणा में मुकदमा भी दर्ज करवाया गया।
उन्होंने शुक्रवार को सैकड़ों दलित वर्ग के मौजीज और मानवतावादी लोगों ने पुलिस उपअधीक्षक कार्यालय पहुंचकर इसका विरोध किया। लेकिन पुलिस उपअधीक्षक द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। साथ ही आरोपी पक्ष के कुछ लोगों ने पुलिस उपअधीक्षक कार्यालय के सामने ही विरोध-प्रदर्शन करने वाले लोगों को सरेआम धमकियां दीं।
‘अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा है पूरा दलित समाज’
दीपाराम ने बताया कि इस कारण क्षेत्र में दलित वर्ग अपने मताधिकार का प्रयोग करने से डर रहा है। उन्होंने मांग की है कि इस घटना में लिप्त आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर पीड़ित व दलित जनप्रतिनिधि को न्याय दिलवाएं। अन्यथा दलित वर्ग आंदोलनात्मक रुख अपनाने को मजबूर होगा। उन्होंने बताया कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होंगे, तब तक पूरा दलित समाज अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा है।
ज्ञापन देने वालों में दलित अधिकार अभियान कमेटी के सचिव गणपतराम गर्ग, केसी नागौरा, कानाराम हींगड़ा, घेवरराम इंद्रानगर, कैलाश भील झलारिया, रेंवताराम बारूपाल, अम्बालाल, छगन भील और नरपतराम लीडिया सहित कई लोगों के हस्ताक्षर हैं।
सौजन्य : Amar ujala
नोट : समाचार मूलरूप से amarujala.com में प्रकाशित हुआ है मानवाधिकारों के प्रति सवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित |