दुष्कर्म पीड़ित बच्ची का हाल जानने पहुंचे चंद्रशेखर आजाद; बोले- CM को पैरों में पड़कर माफी मांगनी चाहिए
दौसा जिले में चार साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के मामले में दलित नेता आसपा के चंद्रशेखर आजाद पीड़ित परिवार से मिलने राहुवास गांव पहुंचे। उन्होंने पीड़ित बच्ची के परिजनों से मिलकर उनकी पीड़ा जानी।
बीते 10 नवंबर को राजस्थान पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर पर दौसा जिले के राहुवास थाना इलाके की एक मासूम से दुष्कर्म का आरोप लगा था। इसको लेकर चंद्रशेखर ने राजस्थान पुलिस प्रशासन और राज्य की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस मामले का वीडियो अब क्षेत्र में जमकर वायरल हो रहा है। वहीं, आरोपी सब इंस्पेक्टर भूपेंद्र सिंह निवासी भरतपुर को जयपुर रेंज आईजी उमेश दत्ता ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।
डर पीड़ित परिवार में नहीं, अपराधी और गुंडों में होना चाहिए
वायरल वीडियो में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद लोगों को संबोधित करते हुए कह रहे है कि एक पिता की चार साल की बच्ची के साथ अन्याय हुआ है। उसे डर है कि ताकतवर लोग उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं, लेकिन आप सभी लोग बताइए, जिसके साथ ये अन्याय हुआ है। उसे डरना चाहिए क्या? बल्कि डरना अपराधी को चाहिए, डर गुंडों में होना चाहिए, लेकिन अगर आज उसके (पीड़ित) के दिल में दहशत है, तो कानून व्यवस्था क्या है।
अपराधियों का संरक्षण कर रहे नेता
उन्होंने कहा जिन नेताओं को पीड़ित परिवार की मदद करनी चाहिए थी। वो उन (अपराधियों) के साथ खड़े हैं। मैं कठोर शब्दों में कह रहा हूं, ये अन्याय राजस्थान में बंद होना चाहिए। अगर ये अन्याय बंद नहीं होगा तो आप लोग बच्चियां पैदा करना बंद कर दो, लेकिन अगर आपने उनको पैदा किया है, तो उनको ऐसा माहौल दो कि अपनी जिंदगी सम्मान के साथ जी सकें। मैं तो चाहता हूं कि मुख्यमंत्री आए यहां, और पीड़ित परिवार के पैरों में पड़कर माफी मांगे। कहे कि हम लोग बच्चियों को सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं।
इस आग को ठंडी मत करो
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अगर मेरा बस चले तो मैं इन लोगों को सदन में भी ना घुसने दूं। इसलिए मैं आप सबसे कहना चाहता हूं कि, इस आग को एक दिन में अपने दिल में ठंडी मत करो। इसे और लगाओ। ये स्वाभिमान है। और जो लोग संरक्षण कर रहे है, अपराधियों का उनको जयपुर में बैठने लायक मत छोड़ो। मैं पीड़ित परिवार से जब मिला तो, बच्ची का पिता भावुक होकर रोने लगा। मुझे तकलीफ इस बात की है कि, मैं उस बच्ची को सुरक्षा का माहौल नहीं दे सका।
सौजन्य : Amar ujala
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