तेलंगाना की तर्ज पर अनुसूचित जाति-जनजाति उपयोजना पर कानून बनाने की मांग
नाहन (सिरमौर)। प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति उपयोजना का पैसा किसी दूसरे मद में खर्च करने पर अनुसूचित वर्ग के संगठनों में आक्रोश है। इस मसले को लेकर एससी संगठनों का प्रतिनिधिमंडल वीरवार को दलित शोषण मुक्ति मंच के बैनर तले नाहन में उपायुक्त से मिला और ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल दलित शोषण मुक्ति मंच के जिला संयोजक आशीष पंवार, वाल्मीकि सभा के प्रदीप सहोत्रा, विजय चौरिया, रविदास सभा से शांति देवी, कोली समाज से संदीपक तोमर, यूनाइटेड क्रिश्चियन संगठन से परवीन सोढा, सीटू से जिला अध्यक्ष लाल सिंह, युवा विकास क्लब से बिंदु राम, सोनू आकाश, बीरू राम, राजेश तोमर, कृष्ण लाल, अभिषेक, अरविंद, हिमेश तोमर, मुकेश चौहान ने ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री को बताया कि अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक विकास को लेकर अनुसूचित जाति-जनजाति उपयोजना का प्रावधान किया था। इसमें केंद्र सरकार ने 100 में से 16.2 रुपये अनुसूचित जाति और 8.2 रुपये अनुसूचित जातियों के विकास पर खर्च करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।
प्रदेश में भी 2011 में अनुसूचित जाति उपयोजना की राशि जनसंख्या के अनुपात में 25 प्रतिशत के हिसाब से खर्च करने का प्रस्ताव था, लेकिन यह राशि भी यहां खर्च नहीं की जा रही। बजट का प्रावधान यहां 5 प्रतिशत रह गया है लेकिन उसे भी पूरा खर्च नहीं किया जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंंह सुक्खू से प्रदेश में तेलंगाना की तर्ज पर अनुसूचित जाति-जनजाति उपयोजना पर कानून बनाने की मांग की है ताकि इस मद का पूरा पैसा उसी कार्य के लिए खर्च किया जा सके, जिसके लिए यह पैसा आया है।
सौजन्य : Amar ujala
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