गुजरात: पाटन में ग्रामीणों ने दलित की दुकान से राशन लेने से इनकार किया
गुजरात में पाटन जिले के कानोसन गांव में ग्रामीणों ने दलित की सरकारी दुकान से राशन लेने से मना कर दिया, जिसके बाद जिला अधिकारी ने ग्रामीणों का राशन कार्ड दूसरे गांव में स्थानांतरित किया है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मामला सरस्वती तहसील का है। अब यहां के 436 राशन कार्ड 1.5 किलोमीटर दूर स्थित पड़ोसी गांव एडला के उचित मूल्य की दुकान (FPS) पर स्थानांतरित किए गए हैं।
जिलाधिकारी अरविंद विजयन ने 12 सितंबर को यह आदेश जारी किया।
गांव वाले डेढ़ साल से नहीं ले रहे राशन
रिपोर्ट के मुताबिक, कानोसन में 90 प्रतिशत लोग ठाकोर समुदाय के हैं, जो OBC में आते हैं।
यहां के अधिकांश राशन कार्ड धारकों ने लगभग डेढ़ साल पहले दलित राशन दुकानदार कांति परमार द्वारा संचालित FPS से अपना मासिक राशन खरीदना बंद कर दिया था।
जिला प्रशासन ने कानोसन के 268 निवासियों के बयान दर्ज किए थे, जिसमें 260 ने पड़ोस के FPS से राशन खरीदने की इच्छा जताई थी और बाकी ने कांति परमार से।
समरस योजना के तहत आता है कानोसन गांव
रिपोर्ट के मुताबिक, कानोसन गांव गुजरात के समरस गांवों में आता है। समरस गांव वे गांव होते हैं, जो राज्य सरकार की समरस योजना के तहत आते हैं।
इसमें ग्रामीण अपने वार्ड सदस्यों और सरपंच को सर्वसम्मति से चुनते हैं और यहां चुनाव नहीं होते। ऐसे गांवों को राज्य की ओर से विशेष प्रोत्साहन मिलता है। समरस योजना गांव में सामाजिक सद्भाव का भी संकेत देती है।
बता दें कि कानोसन की आबादी लगभग 2,200 है।
सौजन्य : News bytes app
नोट : समाचार मूलरूप से newsbytesapp.com में प्रकाशित हुआ है ! मानवाधिकारों के प्रति सवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित!