बुजुर्ग के सिर पर चप्पलें रखवाईं, हाथ जोड़कर माफी मंगवाई, जुर्माना भी लगाया…जानें आखिर ऐसा क्यों हुआ?
राजस्थान के चित्तौडगढ़ की है,जहां एक दलित युवक को माफी मांगने के लिए इस कदर मजबूर कर दिया गया कि वह 60-70 लोगों के सामने सिर पर जूते रखकर हाथ जोड़े खड़ा रहा। गांव दुगार का रहने वाला यह बुजुर्ग अपने एक साथी के साथ करीब 3 महीने पहले खुटिया गांव में भगवान देवनारायण की बगड़ावत सुनाने गये थे। कथा मंचन के दौरान उन्होने गलती से साडू माता के बारे में गलत टिप्पणी कर दी थी। कार्यक्रम के दौरान इस पर किसी का ध्यान नहीं गया। लेकिन कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया । जिसके बाद से गुर्जर समाज में रोष फैल गया। इसके बाद लोग दलित बुजुर्ग को फोनकर धमकाने लगे।
गुर्जर समाज की बैठक मेंं दलित ने मांगी माफी
इसके बाद 16 सितंबर को दुगार के देवरे पर गुर्जर समाज और ग्रामीणों की बैठक हुई। जिसमें बुजुर्ग और उनके साथी को बुलाया गया। बुजुर्ग के साथी को इस गलती के लिए 1100 रुपए का दंड भी सुनाया गया। वहीं दलित बुजुर्ग को जूते सिर पर रखकर माफी मांगने के लिए कहा गया। इसके बाद बैठक में मौजूद लोगों के जूते बुजुर्ग के सिर पर रखे। बुजुर्ग ने सिर पर जूते रखकर माफी मांगी।
20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया
वीडियो सामने आने के बाद सोमवार को दलित समाज ने चित्तौड़गढ़ एसपी से शिकायत की थी। 70 वर्षीय पीड़ित की रिपोर्ट पर करीब 20 लोगों के खिलाफ जूते सिर पर उठाने को मजबूर करने का मामला दर्ज कर लिया गया। पीड़ित बुजुर्ग ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी गलती के लिए माफी मांग ली थी, लेकिन इसके बावजूद उसे धमकियां मिल रही हैं।
घटना को लेकर सोमवार को दलित संगठनों के पदाधिकारी चित्तौड़गढ़ एसपी राजन दुष्यंत के पास पहुंचे। इस दौरान दलित साहित्य अकादमी संरक्षक निर्मल देसाई, जिला अध्यक्ष मदन लाल सालवी और मंच संस्थान के संरक्षक छगनलाल चावला ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मामले की जांच बेगूं डीएसपी बद्रीलाल राव कर रहे हैं। डीएसपी बद्रीलाल ने बताया- पीड़ित ने थाने में दी शिकायत में बताया कि कुछ समय पहले कथा का मंचन करते समय जुबान फिसलने से साडू माता के बारे में गलत टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद दुगार गांव में सिर पर जूते रख माफी मांग ली है। डीएसपी ने कहा कि मामले की जांच के बाद आरोपियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
सौजन्य : News24 online
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