तेलंगाना में उम्मीदवारों के चंदे से ‘खजाना’ भरेगी कांग्रेस, अनोखा फरमान जारी
तेलंगाना कांग्रेस उम्मीदवारों से चंदा एकत्रित कर रही है. उसका कहना है कि राज्य में पार्टी मजबूती के साथ खड़ी हुई है. चंदा लेने को लेकर कांग्रेस का तर्क है कि इससे लोग टाइमपास नहीं करेंगे. साथ ही साथ अभी तक उम्मीदवारी को लेकर 1200 लोगों ने आवेदन किया है.
इस साल के आखिर में तेलंगाना विधानसभा चुनाव भी करवाए जाएंगे. सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं और रणनीति बना रही हैं. इस बीच कांग्रेस ने चुनाव से पहले एक अनोखा फरमान जारी किया है. अब जो भी कांग्रेस पार्टी के विधानसभा टिकट के लिए आवेदन करेगा उसको आवेदन फॉर्म के साथ चंदा भी देना होगा.
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अगर कोई सामान्य वर्ग का व्यक्ति कांग्रेस टिकट के लिए आवेदन करता है तो आवेदन फॉर्म के साथ 50 हजार रुपए का चंदा देना होगा अन्यथा उसका आवेदन रद्द माना जाएगा. वहीं दलित और आदिवासी वर्ग के लिए चंदे की सीमा घटाकर 25 हजार रुपए रखी गई है. प्रदेश कांग्रेस ने अंदरखाने इस बाबत सर्कुलर भी जारी कर दिया है.
तेलंगाना कांग्रेस मीडिया प्रभारी किरण रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा उम्मीदवारों से आवेदन लिए हैं. सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों से 50 हजार और एससी एसटी से 25 हजार चंदा मांगा है. 119 विधानसभा सीटों के लिए 1200 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं. राज्य में कांग्रेस बहुत मजबूत है. बीआरएस पार्टी का कहना है कि कांग्रेस के पास न तो उम्मीदवार हैं और न ही कार्यकर्ता हैं, लेकिन हर विधानसभा क्षेत्र से 10 से 20 उम्मीदवारों के आवेदन मिले हैं.
तेलंगाना कांग्रेस ने दिए 3 तर्क
तेलंगाना कांग्रेस अपने इस कदम के पीछे तीन अहम तर्क दे रही है. पहला, जो चुनाव लड़ने के लिए गम्भीरता दिखाएगा वही आवेदन करेगा और टाइमपास या मौजूं टिकट का आवेदन करने वाले छंट जाएंगे. दूसरा, अगर कोई गरीब उम्मीदवार भी है तो वो विधानसभा से अगर इतना चंदा नहीं एकत्रित कर सकता तो भला वो चुनाव कैसे लड़ पाएगा और कैसे जीत पाएगा. तीसरा, पार्टी को बीजेपी के मुकाबले कम चंदा मिल रहा है, ऐसे में अगर वो ईमानदारी से टिकट चाहने वाले अपने लोगों से चंदा ले रही है और वो बिना किसी दिक्कत के देने को तैयार है तो हर्ज क्या है.
कुल मिलाकर टिकट आवेदकों से चंदा लेकर पार्टी तेलंगाना में अपना खजाना तो भर लेगी, लेकिन असल चुनौती तो आम जनता के वोट हासिल करने की है, जिससे वो राज्य की सत्ता में काबिज हो सके.
सौजन्य : Tv9 hindi
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