हिमाचल में दलित की हत्या, मुख्य आरोपी के घर में लगाई गई आग, BJP ने की NIA जांच की मांग
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में एक 22 वर्षीय दलित युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस हत्या के बाद जिले में एक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया और भीड़ ने इस मामले के मुख्य आरोपी के घर को आग के हवाले कर दिया. पीड़ित की पहचान मनोहर लाल के रूप में हुई है, जो 6 जून को लापता हो गया था और उसका शव 9 जून को बरामद किया गया था.
पुलिस के अनुसार, उसके शरीर को आठ टुकड़ों में काटकर कुछ पत्थरों के नीचे छिपा दिया गया था. पुलिस को संदेह है कि यह झूठी शान की खातिर हत्या का मामला हो सकता है क्योंकि उस व्यक्ति का एक मुस्लिम महिला के साथ संबंध था. इस मामले में मुख्य आरोपी महिला का पिता शरीफ मोहम्मद हैं.
स्थानीय पुलिस थाने पर बोला धावा
दलित व्यक्ति की हत्या के विरोध में गुरुवार को भीड़ सड़कों पर उतर आई और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. उनमें से कुछ ने स्थानीय पुलिस थाने पर भी धावा बोल दिया. वहीं चंबा के सलोनी, संघानी, लछोरी और किहार इलाके के बाजार विरोध के रुप में बंद रहे.
अब तक आठ लोगों को किया गिरफ्तार
इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें शरीफ मोहम्मद और उनकी बेटी शामिल हैं. जांच के दौरान पुलिस को मोहम्मद के बैंक खातों से दो करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन मिला. व्यक्ति की हत्या को लेकर जिले में विरोध शुरू होने के बाद, दो महीने के लिए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है.
बीजेपी ने की एनआईए जांच की मांग
इस बीच, बीजेपी ने मामले की एनआईए जांच की मांग की है. भगवा पार्टी का आरोप है कि इस मामले के मुख्य आरोपी से 1998 में हुई एक आतंकी घटना के संबंध में भी पूछताछ की गई थी. हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने शिमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि आरोपी शरीफ मोहम्मद से पहले भी 1998 में हुई एक आतंकी घटना के संबंध में पूछताछ की गई थी, जिसमें 35 लोग मारे गए थे और सात अन्य लोगों को बंधक बना लिया गया था.
दलित युवक की हत्या
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आरोपी एक छोटा किसान है, जिसके पास सिर्फ 100 बकरियां हैं, लेकिन उसने हाल ही में 97 लाख रुपये के 2,000 रुपये के नोट बदले हैं. पार्टी ने मोहम्मद पर अवैध भूमि अतिक्रमण का भी आरोप लगाया है. जयराम ठाकुर ने कहा कि इस दलित युवक की हत्या कोई आम आदमी नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की जानी चाहिए कि युवक को उसकी मौत के बाद काटा गया था या जब वह जीवित था.
सीएम ने दिया जांच का आश्वासन
वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया है. उन्होंने बीजेपी से इस घटना को सांप्रदायिक रंग नहीं देने का भी आग्रह किया. सांप्रदायिक सद्भाव की कीमत पर सिर्फ राजनीति की खातिर ऐसी घटनाओं को भड़काया नहीं जाना चाहिए. कानून अपने नियत समय का पालन करेगा. हम मृतक के परिवार के साथ हैं और उन्हें समर्थन देने के लिए हर संभव सहायता करेंगे.
सौजन्य : Tv9 hindi
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