महाराष्ट्र: बारसू रिफाइनरी प्रोजेक्ट में भूमाफिया और सत्ता के गठजोड़ का खुलासा करने वाले पत्रकार को THAR से रौंदा
वारिशे महानगरी टाइम्स में काम कर रहे थे और राजापुर में प्रदूषण फैलाने वाली मेगा परियोजनाओं के खिलाफ लगातार लिख रहे थे।
महाराष्ट्र से पत्रकारिता के लिए एक दुखद घटना सामने आई है। पश्चिमी कोंकण क्षेत्र में एक थार गाड़ी ने महानगरी टाइम्स के पत्रकार शशिकांत वारिशे को कुचल दिया जिसके चलते उनकी मौत हो गई।
समाचार रिपोर्ट में बताया गया है कि महानगरी टाइम्स के 6 फरवरी के अंक में वारिशे की स्टोरी प्रकाशित हुई थी जिसमें उन्होंने आश्चर्यजनक खुलासे किए थे। उन्होंने अपनी स्टोरी में एक स्थानीय लैंड डीलर पंढरीनाथ अंबरकर के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बारे में सनसनीखेज खुलासे किये थे जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र था। जिस गाड़ी ने उनकी स्कूटी को टक्कर मारी वह भी अंबरकर की ही थी।
दोपहर करीब 1 बजे काले रंग की थार गाड़ी चला रहे अंबरकर ने वारिशे को राजापुर हाईवे पर एक पेट्रोल पंप के पास दोपहिया वाहन पर देखा। उसने कथित तौर पर सड़क से हटकर सीधे वारिशे की गाड़ी में टक्कर मार दी। लोगों ने मौके पर पहुंचकर वारिशे को बाहर निकाला। उन्हें रत्नागिरी और बाद में कोल्हापुर गंभीर अवस्था में स्थानांतरित कर दिया गया। वह होश में नहीं आ पाए और 7 फरवरी, 2023 को सुबह 7 बजे उनका निधन हो गया।
46 साल के वारिशे महानगरी टाइम्स में काम कर रहे थे और राजापुर में प्रदूषण फैलाने वाली मेगा परियोजनाओं के खिलाफ लगातार लिख रहे थे। सोमवार, 6 फरवरी, 2023 को उन्होंने रिपोर्ट प्रकाशित की थी और अंबरकर के खिलाफ दर्ज मामलों का हवाला दिया था। समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रिफाइनरी की घोषणा की थी उस वक्त जो बैनर लगाए गए थे उनमें अंबरकर की तस्वीर को प्रमुखता से प्रदर्शित किया था। इन बैनरों पर कैप्शन दिया था, “सपना सच होगा।”
स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता रिफाइनरी के खिलाफ लड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि यह प्रदूषण का कारण बनेगा और इस क्षेत्र को नष्ट कर देगा, जो कृषि पर निर्भर है और अल्फांसो आम के लिए प्रसिद्ध है। वे कहते हैं कि अंबरकर महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत के करीबी हैं।
एक प्रेस विज्ञप्ति में, रिफाइनरी विरोधी संगठन ने पत्रकार की हत्या की निंदा की है और मांग की है कि अंबरकर, जो कथित रूप से फरार बताए जा रहे हैं, को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
स्थानीय निवासियों और पर्यावरण समूहों द्वारा इसके खिलाफ आंदोलन शुरू करने के बाद पिछली एमवीए सरकार द्वारा मेगा परियोजना को वापस ले लिया गया था। शिवसेना द्वारा उनकी मांगों का समर्थन करने के बाद, परियोजना को रत्नागिरी जिले के नानार से हटा दिया गया था। रिफाइनरी से रत्नागिरी के 14 गांवों में 14,000 एकड़ जमीन और पड़ोसी सिंधुदुर्ग जिले के दो गांवों में 1,000 एकड़ जमीन लेने की उम्मीद थी। परियोजना तब नानार से 20 किमी दूर बारसु-सलगाँव में प्रस्तावित की गई थी और कच्चे तेल के टर्मिनस के लिए 6,200 एकड़ भूमि और अतिरिक्त 2,144 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने की उम्मीद थी।
सौजन्य :hindi.sabrangindia
नोट : यह समाचार मूलरूप से hindi.sabrangindia.in में प्रकाशित हुआ है| मानवाधिकारों के प्रति सवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशिकिया है !