कर्नाटक: दलित बच्चे ने भगवान की मूर्ति को छू लिया तो पंचायत ने परिवार पर लगा दिया 60 हजार का जुर्माना
कर्नाटक में एक मेले में उत्सव जुलूस के दौरान दलित बच्चे ने ग्राम देवता की मूर्ति को छू लिया तो इससे नाराज ग्रामीणों ने दलित परिवार पर 60 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया. यह घटना कोलार जिले के उलरहल्ली गांव की है.
दरअसल वोक्कालिगा समुदाय के वर्चस्व वाले उलरहल्ली गांव में दलित समुदाय के केवल 8-10 परिवार रहते हैं. बीते 8 सितंबर को गांव ने भूतयम्मा मेले का आयोजन किया था और दलितों को गांव के देवता के मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी. इसी गांव के रहने वाले शोबा और रमेश के 15 साल का बेटा मंदिर में चला गया. 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे ने ग्राम देवता सिदिराना से जुड़े एक खंभे को छू लिया. इस खंभे को गांव के प्रमुख देवता से जुड़ा हुआ माना जाता है.
इस घटना को ग्रामीण वेंकटेशप्पा ने देख लिया और बुजुर्गों को बता दिया. उसने आरोप लगाया कि लड़के ने गांव के नियमों की अनदेखी की. उसके बाद उसके परिवार को अगले दिन गांव के बुजुर्गों के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया था. दलित बच्चे द्वारा ग्राम देवता को छूने से गांव वाले नाराज थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि पोल को छूने से अब अशुद्ध हो गया है और उसे फिर से रंगना पड़ रहा है. गांव के मुखिया नारायणस्वामी ने उन पर 1 अक्टूबर तक री पेंटिंग के लिए 60,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर वे 1 अक्टूबर तक जुर्माना नहीं भरते हैं, तो पूरे परिवार को गांववालों की ओर से बहिष्कृत कर दिया जाएगा.
ग्रामीणों के इस फैसले के खिलाफ शोबा ने मस्ती पुलिस थाने में 8 लाखों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ऊंची जाति के लोगों से उनके परिवार को खतरा है.
सौजन्य : Aajtak
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