दबंगों ने दलित छात्रा को पढ़ने-लिखने से रोका, परिवार को पीटे जाने के बाद IG से लगाई मदद की गुहार
साहब हम छोटी जाति के लोग हैं और लोगों की तरह मेरा भी सपना है कि मैं खूब पढ़-लिखकर शिक्षिका बनूं, लेकिन गांव के कुछ दबंग व रसूखदार लोग ऐसे हैं, जिन्हें मेरे पढ़ने पर भी आपत्ति है. यह लोग अब तक सिर्फ मुझे स्कूल जाने से रोकते थे, लेकिन अब इनका अत्याचार इतना बढ़ गया है कि उन्होंने मेरे परिवार के लोगों पर सिर्फ इसी बात से नाराज होकर जानलेवा हमला किया. पुलिस ने भी हमारे साथ पक्षपात किया. जानलेवा हमले में मेरे नाना को सिर में 13 टांके आए हैं, लेकिन इसके बावजूद आरोपियों के खिलाफ सामान्य धारा में मामला दर्ज कर जमानत पर छोड़ दिया गया है. यह लोग पिछले 6 दिनों से मुझे गांव में नहीं आने दे रहे हैं. इन्होंने मेरे परिवार को धमकी भी दी है कि अगर मैं गांव में आई तो वे मुझे उठा लेंगे. मेरी आपसे फरियाद है कि ऐसे आरोपियो के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और परिवार को सुरक्षा दी जाए. ऐसी गुहार मध्य प्रदेश के शाजापुर के ग्राम बावलिया खेड़ी की 16 साल की छात्रा लक्ष्मी मेवाड़ ने आईजी संतोष कुमार सिंह से लगाई है. वहीं, आईजी ने कहा कि किसी भी छात्रा को स्कूल जाने से नहीं रोका जा सकता है. मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भले ही प्रदेश में सभी जातियों की सुरक्षा, सम्मान और समानता की बात करते हुए सर्वजन सुखाय और सर्वजन हिताय की बात करते हों, लेकिन इस घटना से पोल खुलती नजर आ रही है. जिसमें एक दलित छात्रा को गांव के दबंगो ने सिर्फ यह कहकर स्कूल जाने से रोका की गांव कि कोई भी लड़की जब ज्यादा नहीं पड़ी, तो तुम पढ़ लिखकर क्या करोगी? इस मामले में छात्रा के परिजनों ने गांव के लोगों को समझाइश भी दी, लेकिन इन दबंगों ने छात्रा के परिजनों के साथ भी लाठी और डंडे से मारपीट करते हुए उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया, जो कि वर्तमान में अस्पताल मे उपचार ले रहे है.
ये है पूरा मामला
मामला शाजापुर जिला के बावलिया खेड़ी गांव का है. यहां की निवासी दलित छात्रा लक्ष्मी को 23 जुलाई को गांव के कुछ लोगों ने स्कूल जाने से रोका. छात्रा का स्कूल बैग छीनकर फेंक दिया. छात्रा से बोले कि गांव की एक भी बच्ची स्कूल पढ़ने नहीं जाती, फिर तुझे कैसे जाने दें? इस विवाद के बाद दबंगों ने छात्रा के परिजन नारायण मेवाड़ (55), अंतर बाई (33), लखन परिहार (25), कमल मेवाड़ (27) और सचिन (16) पर हमला किया. जिसमें इन्हें चोटें आईं हैं. उधर, कोतवाली थाना पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.
इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज
धर्मेंद्र पुत्र अनोप सिंह राजपूत
सजन सिंह पुत्र मानसिंह राजपूत
माखनसिंह पुत्र शिव सिंह राजपूत
ईश्वर पुत्र सौदान सिंह राजपूत
तूफान सिंह पुत्र सौदान सिंह राजपूत
अनोप पुत्र मानसिंह राजपूत
पूरे घटनाक्रम से दलित नेता अनजान क्यों….?
महज शिक्षा प्राप्त करने के लिए दलित छात्रा लक्ष्मी मेवाड़ दबंगो से परेशान हो रही है. वहीं, दलित समाज का उत्थान करने की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले जनप्रतिनिधि अब तक इस घटना से अनजान है. उज्जैन जिला अनुसूचित जाति बाहुल्य है. यहां के सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक महेश परमार, विधायक रामलाल मालवीय, पूर्व सांसद चिंतामणि मालवीय, उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल में से किसी एक भी नेता ने अब तक इतनी हिम्मत नहीं दिखाई है.
सौजन्य : Tv9hindi
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