विक्की त्यागी के पिता द्वारा दलितों के खिलाफ मुनादी कराने के मामले में नया मोड, दलित महिलाओं से वसूले थे 6-6 हजार !
चरथावल। गांव पावटी खुर्द में आपत्तिजनक जातिगत टिप्पणी किये जाने के आरोप में गिरफ्तार किये गए पूर्व प्रधान राजबीर सिंह त्यागी पर दलित महिला ने गंभीर आरोप लगाए। सोमवार को गांव पावटी खुर्द पहुंची राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य डा. अंजू बाला ने 9 मई की घटना की जानकारी लेनी चाही, तो आरोपित के विरुद्ध एक दलित महिला का गुस्सा फूट पड़ा। महिला ने आयोग सदस्य से शिकायत की कि 7 वर्ष पहले वह राजबीर के खेत में घास काटने चली गई थी, जिसके एवज में पूर्व प्रधान राजबीर ने उस सहित 6 महिलाओं से 6-6 हजार रुपये की वसूली की थी। आयोग सदस्य ने इस मामले में लिखित शिकायत मांगते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया।
9 मई को चरथावल थाना क्षेत्र के गांव पावटी खुर्द में मुनादी पिटवाकर आपत्तिजनक दलित विरोधी टिप्पणी की गई थी। आरोप है कि गांव के पूर्व प्रधान एवं कुख्यात विक्की त्यागी के पिता राजबीर त्यागी ने मुनादी पिटवाकर ऐलान कराया था कि कोई भी दलित उनके खेत, ट्यूबवेल तथा समाधि पर न चढ़े। ऐसा करने वालों को 50 जूते तथा 5 हजार रुपये का जुर्माना अदा करने की चेतावनी दी गई थी। घटना के बाद पुलिस ने राजबीर तथा मुनादी पीटने वाले कुंवार पाल के विरुद्ध एससी-एसटी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था। दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। आपत्तिजनक जातिगत टिप्पणी कराए जाने से पूर्व प्रधान की दलित विरोधी मानसिकता उजागर हुई थी।
उत्तराखंड के विधायक देशराज की शिकायत पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग सदस्य डा. अंजू बाला मामले की जांच के लिए जिले में पहुंची। पीडब्ल्यूडी डाक बंगले पर रुकने के बाद वह शिकायतकर्ता उत्तराखंड विधायक देशराज के साथ गांव पावटी खुर्द के लिए रवाना हो गई। गांव में एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह एवं एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय संग उन्होंने दलित महिलाओं तथा पुरुषों से घटना के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कार्रवाई के लिए आश्वस्त करते हुए कहा कि पुलिस तथा प्रशासन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपितों की गिरफ्तारी की। उन्होंने कहा कि यदि मुकदमे में अन्य धारा बनती है, तो आरोपितों के विरुद्ध उनकी वृद्धि कराई जाएगी।
अवैध उगाही पर दर्ज हो सकता है मुकदमा:
गांव पावटी खुर्द पहुंची राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग सदस्य डा. अंजू बाला से गांव की महिला मंशा ने राजबीर त्यागी की शिकायत की। आरोप लगाया कि 7 वर्ष पहले वह तथा 5 अन्य दलित महिलाएं घास काटने के लिए गई थी। वहां पहुंचे पूर्व प्रधान राजबीर त्यागी ने उनसे उनके खेत में प्रवेश करने के एवज में 6-6 हजार रुपये का दंड लिया था। सभी महिलाओं को 6-6 हजार रुपये देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इस मामले में आयोग सदस्य डा. अंजू बाला ने पीडि़त महिलाओं को लिखित में शिकायत देने के लिए कहते हुए आरोपित के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई कराए जाने के लिए आश्वस्त किया।
18 मई को राजबीर की जमानत पर सुनवाई:
आपत्तिजनक दलित विरोधी टिप्पणी कराए जाने पर थाना चरथावल पुलिस ने गांव पावटी खुर्द के पूर्व प्रधान राजबीर त्यागी व मुनादी पीटने वाले कुंवरपाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की थी। दोनों को 10 मई को विशेष एससी-एसटी कोर्ट में पेश किया गया था। दोनों के अधिवक्ताओं की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई की तिथि 18 मई निर्धारित करते हुए दोनों आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। कोर्ट 18 मई को दोनों की जमानत अर्जी पर सुनवाई करेगा।
सौजन्य : Royalbulletin
नोट : यह समाचार मूलरूप से royalbulletin.in में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है !