उन्नाव में 40 घंटे बाद दलित युवती के शव का दोबारा हुआ अंतिम संस्कार
उन्नाव। दलित युवती हत्याकांड मामले में बुधवार सुबह पुलिस की देखरेख में परिजनों ने 40 घंटे बाद शुक्लागंज के चंदनघाट पर दोबारा शव का अंतिम संस्कार किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भिन्न आने पर परिजन असंतुष्ट थे। दोबारा पोस्टमार्टम की मांग को कोर्ट से खारिज किए जाने के बाद मामला शांत हो सका।
सदर कोतवाली क्षेत्र के कांशीराम कालोनी की रहने वाली एक 22 वर्षीय दलित युवती की सपा के पूर्व राज्यमंत्री फतेहबहादुर सिंह के बेटे रजोल सिंह ने हत्या कर दी। 10 फरवरी को 63 दिन बाद उसका शव पुलिस ने आश्रम के पास एक गड्ढे से बरामद किया। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया तो परिजन संतुष्ट नही हुए। 11 फरवरी को बहुत मान मनव्वल के बाद चन्दनघाट घाट पर शव को दफन कराया गया। परिजनों की अपील पर डीएम की अनुमति के बाद 15 फरवरी की शाम शव को दोबारा निकलवाकर लखनऊ के फोरेंसिक एक्सपोर्ट डॉ जी खान की अध्यक्षता में 3 डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम हुआ।
जिसमें चोट के निशान ज्यादा पाए गए। पीड़िता की वकील ने मेडिकल पैनल से बॉडी का एग्जामिनेशन कराए जाने की मांग उठाई गई। मांग को लेकर कांग्रेस के प्रत्याशी और कार्यकर्ता पोस्टमार्टम हाउस में धरने पर बैठ गए थे। वकील ने भी हाईकोर्ट इलाहाबाद को मेल कर पैनल गठित करने की मांग की। लेकिन कोई रिस्पॉन्स नही मिल सका। उधर रात भर प्रशासन परिजनों को मनाता रहा लेकिन नही मानें। बुधवार को पूरे दिन बवाल चलता रहा। देर शाम भी डीएम व एसपी मनाने पहुंचे लेकिन बात नही बनी। मगर दोपहर कोर्ट से प्रार्थना पत्र खारिज किए जाने पर मामला शांत हो सकता। तब सुबह परिजन मानें ओर चन्दनघाट पर अंतिम संस्कार हो सका।
अपील खारिज होने के बाद मामला शांत
मंगलवार रात से अधिवक्ता अवनी बंसल ने खूब तेजी पकड़ी। बुधवार जिला न्यायालय में मेडिकल पैनल से बॉडी का एग्जामिनेशन कराए जाने की अपील की। देर शाम सेशन जज ने खारिज कर हाईकोर्ट जाने को कहा। इसके बाद वकील बैकफुट पर आ गए।
सौजन्य : Live hindustan
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