उरई में दलित महिला प्रधान की पिटाई में तीन को सजा
उरई।चुर्खी थाना क्षेत्र के हथनौरा में 2016 में दलित महिला प्रधान को घर में घुसकर पीटने और जातिसूचना गालियां देने में एससी-एसटी कोर्ट ने चार लोगों को तीन-तीन साल कैद व छह-छह हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
प्रधानी चुनाव की रंजिश को लेकर 5 मई को अनुसूचित जाति की प्रधान सुशीला देवी खड़ंजा निर्माण करा रही थीं। तभी प्रतद्विंद्वी रहे शैलेंद्र, उसके भाई मोटा, वीर सिंह चौहान और देवेंद सिंह निर्माण कार्य में बाधा डालने लगे। प्रधान के साथ गालीगलौज शुरू कर दी। ग्रामीणों के विरोध पर आरोपित उस समय चले गए पर शाम को लाठी-डंडों से लैस होकर प्रधान के घर पर धावा बोल दिया। महिला प्रधान व उसके पति नंदराम को बुरी तरह से पीटा। इससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
नंदराम की तहरीर पर चुर्खी थाने में मारपीट व अनुसूचित जाति उत्पीड़न की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया। सीओ कालपी ने आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा और साक्ष्य संकलित कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया। पांच साल ट्रॉयल के बाद बुधवार को एससीएसटी कोर्ट के जज प्रकाश तिवारी ने फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के शासकीय अधिवक्ता हृदेश पांडेय ने बताया कि जज ने दोषियों को तीन तीन साल की कैद व छह छह हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। फैसले के बाद दोषियों को जेल भेज दिया गया।
सौजन्य : Livehindustan
नोट : यह समाचार मूलरूप से livehindustan.com में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है !