SURROGACY के लिए झारखंड से आदिवासी लड़कियों की होती है तस्करी, नाबालिग सबसे अधिक निशाने पर
रांची, राज्य ब्यूरो। मानव तस्करों के निशाने पर सबसे अधिक नाबालिग लड़कियां हैं। इसका खुलासा पुलिस अनुसंधान व गिरफ्तार मानव तस्करों ने भी किया है। पूर्व में झारखंड की लड़कियों की तस्करी के मामले में एक तथ्य यह भी सामने आ चुका है कि यहां की लड़कियों की तस्करी सेरोगेसी के लिए भी होता रहा है। पूर्व में गुमला के चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के पास ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
दो ऐसी लड़कियां सामने आई थीं, जिन्होंने यह स्वीकारा था कि उन्हें काम कराने के लिए मानव तस्कर ले गए थे, लेकिन वहां उनसे सेरोगेसी के माध्यम से बच्चा पैदा करवाया जाता था। एक ने दस तो दूसरी ने छह बच्चा पैदा करने की बात भी स्वीकारी थी। इस मामले में कानूनी कार्रवाई भी हुई थी और मानव तस्करी का आरोपित गिरफ्तार भी किया गया था। लड़कियों ने यह स्वीकारा था कि उनकी तस्करी तब हुई थी, जब उनकी उम्र करीब 13 से 14 साल के आसपास थी। दोनों 15 से 17 साल के बाद मानव तस्करों के चंगुल से छूटकर भागी थी और गुमला पहुंची थी।
ईडी की जांच में कई चौंंकाने वाले मामले सामने आए
एक दिन पहले ईडी ने मानव तस्कर पन्ना लाल महतो, उसके सहयोगियों व उससे संबद्ध प्लेसमेंट एजेंसियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है, जिसमें कई चौकाने वाले मामने सामने आ चुके हैं। पन्ना ने यह तो स्वीकार किया है कि उसने करीब 15 वर्षों में पांच हजार से अधिक लड़कियों की तस्करी की है, जिससे उसने 4.5 करोड़ से पांच करोड़ रुपये तक की संपत्ति अर्जित की है, लेकिन उसने सेरोगेसी पर कोई बयान नहीं दिया है। हालांकि, पुलिस के अधिकारी यह स्वीकारते हैं कि झारखंड की नाबालिग लड़कियों का इस्तेमाल सेरोगेसी में होने की जानकारी मिलती रही है, लेकिन खुलकर कोई सामने नहीं आया, जिससे यह बात अब तक दबी हुई है।
झारखंड में किस वर्ष मानव तस्करी के कितने मामले पहुंचे पुलिस के पास
वर्ष 2019 : कुल 104 कांड दर्ज किए गए। इसमें 18 वर्ष से कम उम्र के 26 व 18 वर्ष से अधिक उम्र के 14 पुरुषों की मानव तस्करी हुई। इसी तरह 18 वर्ष से कम उम्र की 79 लड़कियाें व 18 वर्ष से अधिक उम्र की 51 महिलाओं की तस्करी हुई हैं। इस वर्ष मानव तस्करी के शिकार 34 पुरुष व 113 महिला बरामद भी किए गए। पुलिस ने मानव तस्करी में शामिल 60 पुरुष व 20 महिला को भी गिरफ्तार किया।
वर्ष 2020 : कुल 100 कांड दर्ज किए गए। इसमें 18 वर्ष से कम उम्र के 47 व 18 वर्ष से अधिक उम्र के 27 पुरुषों की मानव तस्करी हुई। इसी तरह 18 वर्ष से कम उम्र की 102 लड़कियाें व 18 वर्ष से अधिक उम्र की 157 महिलाओं की तस्करी हुई है। इस वर्ष मानव तस्करी के शिकार 39 पुरुष व 252 महिला बरामद भी किए गए। पुलिस ने मानव तस्करी में शामिल 93 पुरुष व 27 महिला को भी गिरफ्तार किया।
वर्ष 2021 : कुल 89 कांड दर्ज किए गए। इसमें 18 वर्ष से कम उम्र के 56 व 18 वर्ष से अधिक उम्र के 51 पुरुषों की मानव तस्करी हुई। इसी तरह 18 वर्ष से कम उम्र की 122 लड़कियाें व 18 वर्ष से अधिक उम्र की 64 महिलाओं की तस्करी हुई है। इस वर्ष मानव तस्करी के शिकार 106 पुरुष व 154 महिला बरामद भी किए गए। पुलिस ने मानव तस्करी में शामिल 74 पुरुष व 29 महिला को भी गिरफ्तार किया।
क्या है युवतियों-महिलाओं की तस्करी की मूल वजह
राज्य में गरीब आदिवासी बहुल इलाके बहुत हैं। मानव तस्कर वैसे इलाके को चिह्नित करते हैं, जहां गरीबी बहुत है और वहां के लोग सीधे हैं, जिन्हें बहलाया-फुसलाया जा सकता है। ऐसे गांव में नौकरी व रुपयों का सब्जबाग दिखाकर मानव तस्कर वहां की बच्चियों-महिलाओं को महानगरों में ले जाकर बेच देते हैं। इन बच्चियों-महिलाओं को न तो रुपये मिलते हैं और न हीं वे अपने घर ही अपनी मर्जी से जा सकती हैं। इन महिलाओं-बच्चियों से घरेलू नौकरानी का काम लिया जाता है। इन्हें देह व्यापार रैकेट के धंधे में उतार दिया जाता है, उनसे देह-व्यापार करवाया जाता है। ये इस कदर महानगरों के दलदल में फंस जाती हैं कि वापस घर नहीं लौट पातीं। कई लड़कियां ऐसी हैं कि काम के सिलसिले में बाहर ले जाई गईं, लेकिन वापस नहीं लौटीं। उनके परिवार के लोग गरीब व अशिक्षित हैं, जिसके चलते पुलिस के पास मामला भी दर्ज नहीं कराया।
आज भी थाने कम पहुंचते हैं मामले
एक दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने मानव तस्कर पन्ना लाल महतो के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। दाखिल चार्जशीट में पन्ना लाल महतो ने यह स्वीकारा है कि सिर्फ उसने अपने सहयोगियों की मदद से महज 10-12 साल में पांच हजार से अधिक लड़कियों-महिलाओं की तस्करी की है, जिससे 4.5 से 5 करोड़ रुपये तक की संपत्ति अर्जित की है। मानव तस्करी पर काम करने वाली गैर सरकारी संगठनों की मानें तो राज्य से प्रति वर्ष 30 से 25 से 30 हजार युवक-युवतियों की तस्करी हो रही है, लेकिन आज भी कम ही मामले थाने पहुंचते हैं। युवतियों की तस्करी के मामले में फर्जी शादी का मामला भी सामने आ चुका है। यहां की लड़कियों को शादी के नाम पर हरियाणा व राजस्थान में ले जाया जा चुका है।
सौजन्य : Dainik jagran
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