देश में बढ़ रहा दलितों के साथ अत्याचार, उत्तरप्रदेश अव्वल, टॉप 10 में गुजरात
अहमदाबाद. देश आज बेशक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने को लेकर आगे बढ़ रहा है, लेकिन आज भी दलितों (अनुसूचित जाति के व्यक्तिों) के साथ भेदभाव, उन पर अत्याचार की घटनाएं थम नहीं रही हैं बल्कि लगातार बढ़ रही हैं। वर्ष 2020 के ही आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में एक साल में दलितों के साथ अपराध की 50 हजार से ज्यादा घटनाएं पंजीकृत हुई हैं। सबसे ज्यादा उत्तरप्रदेश में दर्ज हुईं।
यह तथ्य हाल ही में लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों में सामने आए हैं। इसमें सामने आया कि तीन सालों वर्ष 2018, 2019 और 2020 में देश में दलितों के साथ अपराध की घटनाओं में लगातार इजाफा हुआ है।
वर्ष 2020 में दलितों पर अत्याचार को लेकर देशभर में दर्ज हुए मामलों के लिहाज से बिहार देश में दूसरे स्थान पर है जबकि राजस्थान तीसरे, मध्यप्रदेश चौथे और महाराष्ट्र पांचवें स्थान पर है। जबकि गुजरात इस सूची में 10वें स्थान पर रहा।
गुजरात में सुधर रही स्थिति
गुजरात की बात करें तो बीते तीन सालों से यहां स्थिति में सुधार हो रहा है। दलितों के साथ होने वाले अत्याचार की घटनाएं लगातार घट रही हैं। 2018 में जहां गुजरात में दलितों पर अत्याचार के 1426 मामले दर्ज हुए थे। 2019 में वह 1416 रह गए। 2020 में ये घटकर 1326 पर आ गई।
अलग ग्लास में सोडा देने का आरोप
गुजरात के बोटाद जिले के मांडवधार गांव में दलित समुदाय के लोगों को गांव के दुकानदार की ओर से अलग ग्लास में सोडा देने का आरोप लगा है। हेयर कटिंग की दुकान पर दलितों के बाल नहीं काटने का भी आरोप लगा। इस पर वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने 28 दिसंबर 2021 को पुलिस को साथ में रखकर इस गांव के दलित समाज के लोगों के साथ इन दुकानों पर हल्लाबोल किया। वहां पहुंचकर दुकानदारों को पुलिस की मदद से कानूनी प्रावधान की जानकारी दी।
अधिकारों को लेकर बढ़ी जागरुकता
दलित समाज के लोगों में शिक्षा का प्रमाण बढ़ा है। लोग विशेषकर युवा पीढ़ी अपने अधिकारों के प्रति जागरुक हुई है। वह उनके साथ होने वाले भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने, एफआईआर कराने से भी पीछे नहीं हटती है। यही वजह है कि आज दलितों के साथ अत्याचार की दर्ज होने वाली घटनाएं बढ़ी हैं। गुजरात भी इससे अछूता नहीं है।
-किरीट राठौड़, संयोजक, दलित अधिकार मंच
3 साल में 1.39 लाख अपराध
देश में बीते 3 साल 2018-2020 के दौरान दलितों पर अत्याचार के 1 लाख 39 हजार 45 घटनाएं पंजीकृत हुई हैं। 2018 में यह संख्या 42793 थी जो 2019 में बढकऱ 45961 हो गई। 2020 में यह बढकऱ 50291 पर पहुंच गई।
दलितों के साथ अपराध
राज्य- दर्ज अपराध
उत्तरप्रदेश- 12714
बिहार- 7368
राजस्थान- 7017
मध्यप्रदेश- 6899
महाराष्ट्र- 2569
ओडिशा- 2046
तेलंगाना- 1959
आंध्रप्रदेश- 1950
कर्नाटक- 1398
गुजरात- 1326
(स्त्रोत- लोकसभा में पेश 2020 के आंकड़े)।
सौजन्य : Patrika
नोट : यह समाचार मूलरूप से patrika.com में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है !