जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम को मिली जमानत
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को जेएनयू के छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता शरजील इमाम को जामिया नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज 2019 के एक हिंसा मामले में जमानत दे दी।
साकेत कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने अपने आदेश में कहा, “अपराध की प्रकृति और इस तथ्य को देखते हुए कि उन्हें जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया था, आवेदन की अनुमति दी जाती है।”
उन्हें 25,000 रुपये के बेल बॉन्ड के साथ इतनी ही राशि की एक जमानत प्रस्तुत करने के बाद जमानत दी गई है।
जामिया में 13-14 दिसंबर, 2019 को हुई हिंसा को लेकर जामिया नगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इमाम अभी अन्य मामलों में न्यायिक हिरासत में है। सुनवाई के दौरान उनके वकील मुस्तफा ने उनका प्रतिनिधित्व किया।
प्राथमिकी के अनुसार, इमाम पर हिंसा और गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने के अपराधों के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
साथ ही, सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी (आईओ) की अनुपस्थिति को देखते हुए, अदालत ने जांच अधिकारी पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया और उन्हें मुख्य आरोप पत्र की प्रति अगली सुनवाई तक उन आरोपियों को उपलब्ध कराने के लिए कहा, जिन्हें अब तक यह प्राप्त नहीं हुई है।
1 दिसंबर को, उच्च न्यायालय ने एक अन्य मामले में उनके द्वारा दायर जमानत आवेदन पर अभियोजन पक्ष को नोटिस जारी किया था। हाईकोर्ट में, शरजील ने दावा किया था कि वह प्राथमिकी में शुरू में नामित आरोपियों में से एक नहीं था, लेकिन पुलिस ने सह-आरोपी मोहम्मद फुरकान द्वारा दिए गए एक बयान के आधार पर उसे एक पक्ष (पार्टी) बनाया गया।
उन्होंने यह भी दावा किया कि अभियोजन पक्ष ने उन्हें निशाना बनाया और वह लक्षित उत्पीड़न का शिकार हुए हैं।
इमाम के खिलाफ 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित भड़काऊ भाषण सहित विभिन्न प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। वह जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं।
अब उनके खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में तीन और मामले लंबित हैं।
सौजन्य :देशबंधु
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