दिल्ली दंगे में पहली सजाः मुस्लिम परिवार को लूटने और घर को आग के हवाले करने के आरोप में हिंदू शख्स दोषी करार
कोर्ट ने आरोपी दिनेश यादव को दोषी माना है। उसकी सजा का ऐलान 22 दिसंबर को होगा। हालांकि, इससे पहले दिल्ली दंगो को लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट ने एक फैसला सुनाया था। लेकिन उस मामले में साक्ष्यों के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया गया था।
दिल्ली में बीते साल फरवरी में हुए दंगों के मामले में कोर्ट ने पहली बार किसी को मुजरिम करार दिया है। कोर्ट ने आरोपी दिनेश यादव को दोषी माना है। उसकी सजा का ऐलान 22 दिसंबर को होगा। हालांकि, इससे पहले दिल्ली दंगो को लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट ने एक फैसला सुनाया था। लेकिन उस मामले में साक्ष्यों के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया गया था। यह पहली बार है जब किसी आरोपी को सजा सुनाई गई है।
यह मामला नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के गोकलपुरी इलाके का है। पुलिस के मुताबिक दंगों के दौरान 25 फरवरी की रात मनोरी नाम की एक 73 साल की बुजुर्ग महिला के घर में 100 से ज्यादा दंगाइयों ने जबरन घुसकर आगजनी की थी। उसके घर में लूटपाट भी हुई थी। दिनेश यादव आगजनी करने वाली भीड़ में शामिल था। उसके खिलाफ गोकलपुरी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। 8 जून 2020 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
अपने बचाव में दिनेश की दलील थी कि पुलिस के पास उस घटना की CCTV फुटेज नहीं है। उसने यह भी तर्क दिया कि केस के साथ गवाहों के बयान भी काफी समय बाद दर्ज किए गए। उसने गवाहों पर भी शक जताया था। पुलिस का कहना था कि दंगे थमने के बाद कर्फ्यू लग गया था। इस वजह से केस दर्ज करने में समय लगा। पुलिस ने पीड़ित के साथ ही कुछ गवाहों को भी कोर्ट में पेश किया जिन्होंने दिनेश पर ऊंगली उठाई।
कोर्ट ने दिनेश यादव पर 3 अगस्त 2021 को आगजनी और लूटपाट मामले में आरोप तय किए थे। कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशन जज वीरेंद्र भट ने दिनेश यादव को भीड़ के साथ मिलकर दंगा व आगजनी कर लूटपाट करने के मामले में दोषी करार दिया। अदालत का कहना था कि पीड़िता के अलावा कुछ और लोगों ने भी दिनेश की पहचान दंगाई के रूप में की है। लिहाजा वह उसकी दलीलें बेसिरपैर की मानी जाएंगी।
CAA कानून के विरोध-प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने 750 से ज्यादा मामले दर्ज किए थे। दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी वहीं सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने दंगों को लेकर कई मामले दर्ज किए हैं। इन सभी पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कई मामलों में लचर जांच के लिए पुलिस को फटकार भी लगाई जा चुकी है।
सौजन्य : जनसत्ता
नोट : यह समाचार मूलरूप से https://www.jansatta.com/crime-news-hindi/first-sentence-in-delhi-riots-hindu-ma में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है|