Haryana News : 6 लाख से ज्यादा आय वालों को नहीं मिलेगा आरक्षण, अब इसके दायरे से ये भी होंगे बाहर
सुप्रीम कोर्ट ने इंद्रा साहनी मामले और हरियाणा पिछड़ा वर्ग आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक तीन महीने के अंदर नई अधिसूचना लाने का निर्देश दिया था। नए नियमों के मुताबिक अब सालाना 6 लाख से ज्यादा आय वालों के बच्चों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
Haryana News : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हरियाणा सरकार ने क्रीमीलेयर के लिए नई आरक्षण पॉलिसी को लागू कर दिया है। सरकार का यह फैसला तुरंत प्रभाव से लागू माना जाएगा। अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने इस बाबत जरूरी अधिसूचना जारी कर दी है। क्रीमीलेयर के लिए नई आरक्षण नीति के तहत कई वर्ग आरक्षण के लाभ से बाहर हो जाएंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने 24 अगस्त, 2022 को प्रदेश सरकार द्वारा क्रीमीलेयर को लेकर 17 अगस्त, 2016 और 28 अगस्त 2018 को जारी की गई अधिसूचनाओं पर ऐतराज जताते हुए इन्हें रद्द कर दिया था। केंद्र का 8 लाख वार्षिक आमदनी का नियम
सुप्रीम कोर्ट ने इंद्रा साहनी मामले में दिए फैसले और हरियाणा पिछड़ा वर्ग आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार तीन महीने के अंदर नई अधिसूचना लाने का निर्देश दिया था। केंद्र सरकार ने आठ लाख रुपए से कम वार्षिक आय वालों को आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की श्रेणी में रखा है, जबकि हरियाणा में यह सीमा 6 लाख रुपए रहेगी। इन्हें नहीं माना जाएगा सरकारी नौकरियों के लिए पात्र : 1. हरियाणा में छह लाख रुपए से अधिक सालाना कमाई वाले पिछड़ा वर्ग के परिवार। 2. प्रथम और द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के परिजन। 3. सेना में मेजर या इससे ऊपर और वायुसेना व नौसेना में इसके समकक्ष स्तर के अधिकारियों के आश्रित।
देश की बड़ी खबरें, सिर्फ एक क्लिक में जानें आज की ताजा खबर 4. निर्धारित सीमा से अधिक जमीन और पिछले तीन साल में एक करोड़ रुपए से अधिक संपदा अर्जित करने वाले। 5. राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति, संघ लोक सेवा आयोग और राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों, मुख्य निर्वाचन आयुक्त, नियंत्रक महालेखा परीक्षक सहित अन्य संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के साथ ही सांसद और विधायकों के परिजनों को इस दायरे से बाहर रखा गया है। केंद्र में पहली बार 1993 में क्रीमीलेयर हुआ था लागू सबसे पहले सितंबर, 1993 में केंद्र में तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार ने एक लाख रुपए और इससे अधिक वार्षिक आय वालों को क्रीमीलेयर घोषित किया था। मार्च 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने क्रीमीलेयर की सीमा बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर दिया था। मनमोहन सरकार ने अक्टूबर 2008 में 2.50 लाख व मई 2013 में 6 लाख रुपए कर दिया था। सितंबर 2017 में मोदी सरकार ने इसे सीधे आठ लाख कर दिया थां। केंद्र सरकार ने सीधी भर्ती हुए प्रथम श्रेणी के अधिकारी या 40 साल की आयु से पहले पदोन्नत अधिकारियों को ही क्रीमीलेयर में रखा है। BJP-RSS का षडयंत्र इस बीच खबर यह है कि केंद्र सरकार क्रीमीलेयर की सीमा जल्द बढ़ा सकती है। इस संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता और केंद्रीय मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, थावर चंद गहलोत की सदस्तया वाले मंत्री समूह ने साल 2019 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सोंप दी थी। वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कहा कि भाजपा-आरएसएस किसी न किसी तरीके से आरक्ष्ण से लोगों को वंचित रखने का षडयंत्र कर रह रहे हैं।
सौजन्य : जनज्वार
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