दलित मजदूर की हत्या मामले में कोर्ट ने बढ़ाई आरोपियों की पुलिस रिमांड
चंडीगढ़. हरियाणा के सोनीपत (Sonepat) जिले की एक अदालत ने दिल्ली के सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) पर किसानों के प्रदर्शन स्थल के समीप एक दलित मजदूर की नृशंस हत्या में गिरफ्तार चार निहंगों की पुलिस रिमांड (Police Remand) दो दिनों के लिए बढ़ा दी. हरियाणा पुलिस ने सरबजीत सिंह (Sarabjeet Singh), नारायण सिंह, गोविंदप्रीत सिंह और भगवंत सिंह को शिनवार को अदालत में पेश किया. सोनीपत के पुलिस उपाधीक्षक वीरेंद्र सिंह ने फोन पर बताया कि अदालत ने चारों आरोपियों की पुलिस रिमांड दो दिनों के लिए बढ़ा दी है.
सरबजीत सिंह को 16 अक्टूबर को अदालत में पेश किया गया था और उसे सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया, वहीं तीन अन्य को छह दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया था. दलित मजदूर लखबीर सिंह की पिछले हफ्ते नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई थी और उसके शव को सिंघू बॉर्डर के पास एक अवरोध से लटका दिया गया था. उसका हाथ काट दिया था और उसके शरीर पर घाव के कई निशान थे. आरोपी निहंगों ने कहा था कि पंजाब के तरनतारन जिले के एक गांव के निवासी लखबीर को एक पवित्र पुस्तक की कथित तौर पर बेअदबी के लिए ‘‘दंडित’’ किया गया.
लखबीर के गांव चीमा कलां में अक्सर जाते थे
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि दिल्ली और हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर पिछले दिनों हुई दलित युवक की निर्मम हत्या के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. पंजाब पुलिस के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, सरबलोह धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के आरोप में मारे गए लखबीर सिंह (Lakhbir Singh) को निहंग सरबजीत सिंह (Nihang Sarabjit Singh) ही धरना स्थल पर लेकर आया था. इंडियन एक्सप्रेस को पंजाब पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि पंजाब के तरनतारन के रहने 35 वर्षीय मजदूर लखबीर सिंह को सरबजीत सिंह ही सिंघु बॉर्डर लाया था, क्योंकि दोनों एक दूसरे को पहले से जानते थे और निहंग सिख कथित तौर पर लखबीर के गांव चीमा कलां में अक्सर जाते थे.
साभार : न्यूज़ 18
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