पनारी गांव के प्रधान, सचिव सहित तीन पर दर्ज होगा केस, कोर्ट ने दिया आदेश
विशेष न्यायालय एससी/एसटी (पीओए) एक्ट न्यायालय ने ओबरा तहसील क्षेत्र के पनारी गांव के ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम पंचायत सदस्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए ओबरा थाना प्रभारी को निर्देश दिया है। इस कार्रवाई का आदेश कोर्ट ने अनुसूचित जनजाति की महिला सतवंती देवी के प्रार्थना पत्र पर 11 अक्तूबर को सुनवाई करते हुए दिया है।
चोपन ब्लॉक के पनारी ग्राम पंचायत कड़िया टोला की महिला सतवंती ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि वह अनुसूचित जनजाति की अशिक्षित महिला हैं। उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र पाए जाने पर आवास स्वीकृत हुआ था। ग्राम पंचायत सदस्य रामलाल जायसवाल ने महिला से कहा कि आवास बनाने का ठेका उसे दिया गया है। आधार कार्ड और बैंक का स्मार्ट कार्ड लेकर अपने साथ चलने को कहा। ग्राहक सेवा केंद्र ले जाकर मशीन पर अंगूठा लगवाकर बोला तुम जाओ तुम्हारा काम हो गया है। अब तुम्हारा आवास बन जाएगा। आरोप है कि दिखावे के लिए सिर्फ बुनियाद का काम कराया गया उसके बाद काम बंद कर दिया गया। एक सप्ताह पूर्व उसके पति गुलाब बैगा से एक जगह अंगूठा का निशान ले लिया।
इसके बाद कार्य प्रारंभ न होने पर महिला ने रामलाल से पूछा तो उसने बताया कि तुम्हारे जगह तुम्हारे ससुर सुकालू का आवास बनवा दिया है। तुम्हारा आवास अब नहीं बनेगा। मामले की शिकायत ग्राम प्रधान व सचिव से की गई लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर महिला ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। एससी एसटी (पीओए) एक्ट विशेष न्यायाधीश खलीकुज्जमा ने 11 अक्तूबर को मामले की सुनवाई करते हुए ओबरा थाना प्रभारी को निर्देशित दिया कि पनारी ग्राम पंचायत के प्रधान उदित नारायन खरवार, ग्राम विकास अधिकारी (सचिव) रामविलास और ग्राम पंचायत सदस्य रामलाल जायसवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दो दिन के अंदर न्यायालय को अवगत कराएं।
पनारी ग्राम पंचायत में आवास निर्माण से संबंधित कोई शिकायत उनके पास नहीं आई है। वैसे भी यह मामला कोर्ट का है। आवास निर्माण में अनियमितता से संबंधित अगर शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। – आरएस मौर्य, पीडी डीआरडीए।
साभार : अमर उजाला
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