यूपीः स्मृति ईरानी के अमेठी में दलित स्टूडेंट्स से भेदभाव, स्कूल में अलग बैठाने और बेवजह पिटाई का आरोप
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक दलित छात्रा से स्कूल में भेदभाव करने का मामला सामने आया है। इसको लेकर प्रधानाध्यापक के खिलाफ जिले के संग्रामपुर थाने में केस दर्ज कर लिया गया है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के बनपुरवा सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली 10 वर्षीय छात्रा को मिड-डे मील के दौरान अलग से कतार में बैठाने और इसकी शिकायत करने पर बेवजह पिटाई के आरोप में प्रधानाध्यापिका कुसुम सोनी पर जातीय भेदभाव करने का मामला दर्ज किया गया है।
अभिभावकों का क्या है कहना: गौरतलब है कि बीते मंगलवार को कुसुम सोनी को निलंबित भी कर दिया गया है। वहीं मामले की शिकायत करने थाने पहुंचे जगनारायण व सोनू का कहना था कि उनके बच्चों के साथ गांव के अन्य दलित परिवारों के बच्चे भी इसी स्कूल में पढ़ते हैं। प्रधानाध्यापक कुसुम सोनी दलित बच्चों के साथ भेदभाव करती हैं। वे मिड-डे मील के दौरान दलित बच्चों को अलग पंक्ति में बैठाती हैं। अगर इसकी शिकायत की जाती है तो बच्चों को बेवजह पीटा जाता है।
वहीं शिकायत को लेकर संग्रामपुर थाना प्रभारी अंगद सिंह ने बताया कि दलित परिवारों ने इस संबंध में थाने में शिकायत की है। उनकी तहरीर के हिसाब से मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
जिले के BSA ने क्या कहा: अमेठी जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार पाठक ने कहा कि, “मैंने स्कूल का दौरा किया और इस तरह का आरोप लगाने वाले कुछ अभिभावकों से बात की। मामले में जांच चल रही है। प्रधानाध्यापक और दलित बच्चों के साथ उनके अभिभावकों के भी बयान लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि, कुसुम सोनी को निलंबित कर दिया गया है और उनपर एससी/एसटी अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि बनपुरवा सरकारी प्राथमिक स्कूल में 38 छात्र हैं, जिनमें से 23 अनुसूचित जाति, 11 ओबीसी और चार सामान्य वर्ग से हैं। यहां की स्थानीय आबादी की बात करें तो बनपुरवा पूरी तरह से अनुसूचित जाति की आबादी वाला गांव है।
मैनपुरी से आया था इसी तरह का मामला: वैसे इस तरह का मामला यूपी से पहली बार सामने नहीं आया है। इससे पहले मैनपुरी के बेवर ब्लॉक के दौदापुर शासकीय प्राथमिक विद्यालय में अनुसूचित जाति के बच्चों के बर्तन अलग से रखवाने का मामला सामने आया था।
साभार : जनसत्ता
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