पंजाब को मिला पहला दलित मुख्यमंत्री, चरणजीत सिंह चन्नी ने ली शपथ, कैप्टन समारोह में नहीं हुए शामिल
आगामी वर्ष यानी 2022 विधानसभा चुनाव पर नजर रखते हुए पंजाब में धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस ने जाति का कार्ड खेला है। आज 11 बजे चरणजीत चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। साथ ही, कांग्रेस नेता सुखजिंदर एस रंधावा और कांग्रेस नेता ओपी सोनी ने राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली। समारोह के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने राजभवन में पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को बधाई दी। पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शपथ समारोह में भाग नहीं लिया।
दलित नेता चरणजीत चन्नी के मुख्यमंत्री के रूप में, पार्टी आलाकमान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के एक हिंदू चेहरे ब्रह्म मोहिंद्रा और नवजोत सिद्धू खेमे के एक जाट सिख सुखजिंदर रंधावा को डिप्टी सीएम का पद देकर जाति समीकरण को संतुलित किया है। सुनील जाखड़ को भी इस पद की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
निवर्तमान कांग्रेस सरकार में कैप्टन अमरिंदर सिंह के विश्वासपात्र मोहिंद्रा स्थानीय निकाय विभागों के साथ सबसे वरिष्ठ मंत्री थे। वहीं सुखजिंदर रंधावा नवजोत सिद्धू खेमे से सीएम की दौड़ में थे। इसके साथ ही पार्टी आलाकमान ने जाति कार्ड को संतुलित करने के साथ-साथ कैप्टन अमरिंदर और सिद्धू खेमे के करीबी नेताओं को भी समायोजित करने की कोशिश की है। ओबीसी को समायोजित करने के लिए कैबिनेट के चयन में भी प्रतिबिंबित हो सकता है।
पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने कहा, “हमारी आपसी भावना है कि दो डिप्टी सीएम होने चाहिए। मंत्रिपरिषद के चयन के अलावा। कुछ नामों पर चर्चा की गई है, लेकिन यह सीएम का विशेषाधिकार है, जो पार्टी आलाकमान के साथ चर्चा के बाद फैसला लेते हैं।”
सौजन्य :आउटलुक
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