बोले मैनपुरी: दलित बस्ती के लिए मुसीबत बना तालाब, अब तो कुछ करो सरकार

मैनपुरी। शहर की घनी बस्ती में शामिल वाल्मीकि बस्ती में समस्याओं का अंबार है। यूं तो सरकार दलित वर्ग के उत्थान और उनकी तरक्की का दावा करती है|
बोले मैनपुरी: दलित बस्ती के लिए मुसीबत बना तालाब, अब तो कुछ करो सरकार
शहर की घनी बस्ती में शामिल वाल्मीकि बस्ती में समस्याओं का अंबार है। यूं तो सरकार दलित वर्ग के उत्थान और उनकी तरक्की का दावा करती है, उनके विकास के लिए दर्जनों योजनाओं को मैदान में उतार रखा है मगर अफसोस इस बस्ती के हालात बद से बदतर हो चुके हैं। सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित इस बस्ती में एक मौत का तालाब है जहां हर समय गंदगी रहती है और बीमारियां फैलती रहती हैं। तालाब की सफाई के लिए दर्जनों बार कहा गया। नगर पालिका से लेकर बड़े अफसरों तक फरियाद की गई मगर कोई भी इस तालाब की सफाई के लिए तैयार नहीं होता। हिन्दुस्तान के बोले मैनपुरी संवाद के दौरान बस्ती के लोगों ने कहा कि विकास के नाम पर पालिका प्रशासन अगर तालाब की ही सफाई करवा दे तो यहां के लोगों की बदरंग जिंदगी को राहत मिल जाएगी।
शहर में पालिका प्रशासन ने सफाई कर्मियों की फौज कागजों में भर रखी है। हर महीने लाखों रुपये इस फौज के मानदेय में खर्च हो रहे हैं लेकिन शहर भर की सफाई तथा अन्य कार्यों का जिम्मा संभालने वाले वाल्मीकि बस्ती के लोग अपने ही इलाके में बदहाल जीवन जी रहे हैं। ऐसा नहीं है कि यहां के लोगों ने अपनी समस्याओं पर अफसरों से बात नहीं की। समाज के कुछ बड़े ठेकेदार भी यहां के हालातों से परिचित करवाए गए परंतु इन ठेकेदारों ने भी इस बस्ती की बदहाली को दूर करवाने के कोई प्रयास नहीं किए। यही वजह है कि यहां के हालात लगातार खराब हो रहे हैं।
बस्ती का पानी तालाब में जाता है लेकिन पिछले दस सालों से इस तालाब की सफाई नहीं हुई जिससे गंदा पानी यहां सालभर भरा रहता है। तालाब में पानी ओवरफ्लो होता है तो नालियों का पानी सड़कों पर बहने लगता है। कुछ गलियां तो ऐसी हैं जहां वर्षों से सफाई नहीं हुई जिसके चलते गंदगी फैली रहती है और इस गंदगी से बीमारियां पनप रही है। गर्मियों के दिनों में तो हालात लगातार बिगड़ते हैं। बुखार तो यहां अक्सर फैलता है। यहां के लोग बीमार होने की स्थिति में इसी गंदे पानी से होकर अस्पतालों में पहुंचते हैं। बस्ती के लोगों का कहना है कि वाल्मीकि बस्ती में आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने के लिए कैंप लगाए जाएं, इसके अलावा यहां के सभी लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है। उन्हें राशन कार्ड दिए जाएं। यहां के युवाओं को निकायों में नौकरी दिलवाई जाए ताकि बेरोजगारी दूर हो। इसके अलावा पात्र महिलाओं, पुरुषों को सरकार की विभिन्न पेंशन योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाए। ऐसा यहां के लोगों का कहना है। यहां के निवासी धर्मेंद्र कुमार, पप्पू, रवि, राघवेंद्र का कहना है कि पालिका प्रशासन यहां अभियान चलाकर पूरी बस्ती की सफाई करवाए ताकि यहां के लोग भी स्वच्छता का अहसास कर सकें।
बोले बस्ती के लोग
आने वाली भीषण गर्मी में वाल्मीकि बस्ती का यह तालाब स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बन सकता है। हल्की सी भी हवा चलने पर दुर्गंध भरी हवाओं में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाएगा।
-राहुल
बस्ती में पूरी बड़ी नगरिया का दो सैंकड़ा से अधिक घरों का पानी बने तालाब में आता है। लोगों की मांग है कि बारिश शुरू होने से पहले जल निकासी की व्यवस्था की जाए, ताकि परेशाना का सामना न करना पड़े।
-मिलन कुमार
वाल्मीकि बस्ती में बने तालाब के पानी की निकासी न होने के कारण जरा सी बारिश होते ही पूरी बस्ती तालाब में तब्दील हो जाती है। सरकार तालाब के पानी की निकासी की व्यवस्था कराए।
-अशोक
बस्ती में बने तालाब की कार्रवाई की बात आती है तो अधिकारी का मौके का निरीक्षण तो कर लेते हैं लेकिन कुछ दिन बीतने के बाद अधिकारी भूल जाते हैं। जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
-दिलीप कुमार
प्रदेश सरकार से मांग है कि उनकी जो समस्याएं हैं उनका निस्तारण किया जाए। उनकी समस्याओं की शिकायत ऑनलाइन पोर्टल पर भी की गई है। उक्त समस्याओं का जल्द निदान किया जाए।
-सुनीता देवी
बस्ती में कई लोगों के आधार कार्ड, राशन कार्ड व आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं। कैंप लगा के आवश्यक कार्ड बनाए जाए ताकि जरूरतमंद लोग सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ले सके।
-सुखदेवी
नगर पालिका क्षेत्र में आने वाली वाल्मीकि बस्ती के तालाब पर सभासद द्वारा बोर्ड की मीटिंग में कई बार प्रस्ताव रखा गया लेकिन तालाब को लेकर बजट अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। इसलिए बदहाली है।
-रेखा देवी
तालाब में फैल रहीं गंदगी के कारण खांसी, जुकाम, बुखार व संक्रामक बीमारियां फैल रहीं हैं। जिसके लिए बस्ती में कोई स्वास्थ्य कैंप नहीं लगाया है। मरीजों की जांच के लिए स्वास्थ्य कैंप लगाया जाए। -गुड्डी देवी
नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड 28 में बड़ी नगरिया का तालाब स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। कई सालों से इस तालाब की शिकायत स्थानीय लोग डीएम से लेकर सीएम तक दर्ज करा सकें, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
-अजयकुमार
बड़ी नगरिया स्थित वाल्मीकि बस्ती के बाशिंदे इस तालाब से उनकी कई पीड़ियां गुजर चुकी हैं, लेकिन तालाब के हालात में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई सुधार नहीं करवाया गया है।
-आकाश
वाल्मीकि बस्ती के लोग जहां पूरे शहर को साफ व स्वच्छ रखने के लिए के लिए अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। लेकिन इनकी बस्ती के सौंदर्यीकरण के लिए कोई अधिकारी व नेता ध्यान नहीं दे रहा है।
-अनिल कुमार
स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचारी रोकथाम के लिए दवा का छिड़काव सभी स्थानों पर कराया जाता हैं लेकिन बस्ती में दवा का छिड़काव न होने से मलेरिया, डेंगू जैसी संक्रामक बीमारियों से हर वर्ष एक सैंकड़ा से अधिक लोग परेशान हो जाते हैं।
-राकेश कुमार
वाल्मीकि बस्ती में बने तालाब में जलभराव होने से दो मासूम सहित एक बालिका की डूबकर मौत हो चुकी है। जिसको लेकर अब यह खूनी तालाब के नाम से जाना जाता है। पीड़ितों को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाए।
-प्रेमचंद्र
बस्ती के लोगों ने जलभराव की समस्या से परेशान होकर जाम लगाकर प्रदर्शन भी किया था। जिस पर अधिकारियों ने आश्वासन लेकर एक माह का कार्रवाई करने का भरोसा दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
-गोविंद कुमार
यहां शिव मंदिर के पास पुलिया का निर्माण तो हो गया लेकिन नालियों से भरने वाला गंदा पानी मुख्य मार्ग पर भर रहा है। जिससे दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं व स्कूली बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
-सुमित कुमार
सौजन्य: लाइव हिंदुस्तान
नोट: यह समाचार मूल रूप सेhttps://www.livehindustan.com/ पर प्रकाशित हुआ है और इसका उपयोग गैर-सैन्य/गैर-वाणिज्यिक समुदाय, विशेष रूप से मानवाधिकार क्षेत्र के लोगों द्वारा किया जाना है।