Haryana: सरकार ने फरटिया दलित छात्रा आत्महत्या मामले की जांच स्टेट क्राइम ब्रांच को सौंपी, यह था पूरा मामला
दीक्षा छात्रा आत्महत्या प्रकरण में लोहारू के विधायक और उसके भाई का नाम भी सामने आया है। हालांकि विधायक पहले ही इस मामले में खुद का पक्ष रख उच्च स्तरीय जांच की मांग उठा चुके हैं।
हरियाणा सरकार ने लोहारू के फरटिया भीमा में दलित छात्रा आत्महत्या मामले की जांच स्टेट क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। लड़की के पिता को लोहारु पुलिस थाना प्रभारी द्वारा फोन पर सूचना दी गई, जिसमे बताया गया कि इस मुकदमे की फाइल स्टेट क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। पीड़ित परिवार के वकील रजत कल्सन ने आरोप लगाया कि बहुचर्चित प्रकरण में परिजनों ने लोहारु पुलिस की जांच पर संदेह जताया था व पीड़ित पिता ने आरोप विधायक के भाई पर भी कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराने के गंभीर आरोप लगाए थे।
पीड़ित पिता ने स्थानीय पुलिस पर भी आरोप लगाया था कि जांच अधिकारी परिजनों पर विधायक के साथ बैठ कर मामला सुलझाने का दबाव बना रहा है। इन्हीं आरोपों को लेकर पीड़ित पिता ने अपने वकील रजत कल्सन के माध्यम से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को शिकायत भेज कर मांग की थी कि इस मुकदमे की जांच किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी या सीबीआई से कराई जाए।
अधिवक्ता कल्सन ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने पीड़ित की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करके मामले की जांच को मौजूद डीएसपी से लेकर स्टेट क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी है। लड़की के पिता ने सरकार के जांच ट्रांसफर करने के फैसले पर संतोष जताते हुए कहा है कि पीड़ित परिवार को उम्मीद है कि उन्हें इस मामले में न्याय मिलेगा और इस प्रकरण से जुड़े रसूखदार लोग और प्रिंसिपल की गिरफ्तारी होगी।
पुलिस ने लोहारू की अदालत में पेश की थी मामले की स्टेटस रिपोर्ट
दीक्षा बहुचर्चित आत्महत्या प्रकरण में जांच अधिकारी डीएसपी लोहारू ने न्यायिक दंडाधिकारी देवेंद्र कुमार की अदालत में स्टेटस रिपोर्ट पेश करके बताया कि इस मामले में दो आरोपी हनुमान व राहुल की गिरफ्तारी हो चुकी है तथा बाकी आरोपियों के बारे में तफ्तीश जारी है। पीड़ित के वकील अधिवक्ता रजत कल्सन ने बताया कि इस मामले में इतना समय बीत जाने के बाद भी जांच वहीं की वहीं रुकी हुई है और जांच में जांच अधिकारी ने कोई प्रगति नहीं की है। रिपोर्ट से साफ पता चल रहा है कि पुलिस के मौजूदा जांच अधिकारी भारी दबाव में है।
विधायक व उसके भाई पर भी लगे हैं गंभीर आरोप
दीक्षा छात्रा आत्महत्या प्रकरण में लोहारू के विधायक और उसके भाई का नाम भी सामने आया है। हालांकि विधायक पहले ही इस मामले में खुद का पक्ष रख उच्च स्तरीय जांच की मांग उठा चुके हैं। वहीं लड़की के पिता का आरोप है कि कुछ दिन पहले विधायक के भाई ने उनके घर में घुसकर उसके जबरन कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए और यह भी लिखवाया कि दीक्षा आत्महत्या मामले में विधायक और कॉलेज प्रशासन का कोई दोष नहीं है।
अप्रत्याशित तरीके से धमकी भी दी थी। इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था लेकिन अभी तक इस मामले में विधायक के भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि विधायक के भाई के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले के मुख्य गवाह को धमकाने और उसे जबरन समझौता लिखवाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने अपने अपनी व अपने परिवार की जान का खतरा बता सुरक्षा मुहैया कराने की भी मांग की है।
यह था पूरा मामला
लोहारू के गांव फरटिया भीमा निवासी जगदीश कुमार ने पुलिस को बताया था कि उनकी बेटी दीक्षा सिंघानी के शारदा महाविद्यालय में स्नातक कला संकाय की पांचवें सेमेस्टर की छात्रा थी। उनकी माली हालत ठीक नहीं है। वह किसी तरह से मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। इस कारण वह कॉलेज में अपनी बेटी का शुल्क समय पर जमा नहीं करा पाया। इस वजह से उनकी बेटी को पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। इससे उनकी बेटी मानसिक तनाव में रहने लगी। पीड़ित ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्राचार्य और स्टाफ उसे फीस जमा करने के लिए तंग करने लगे थे। इसी पीड़ा में उनकी बेटी ने फंदा लगाकर जान दे दी। मृतका के पिता की शिकायत पर पुलिस ने कॉलेज के प्राचार्य सहित चार लोगों के खिलाफ के विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।
फरटिया भीमा निवासी छात्रा दीक्षा आत्महत्या प्रकरण की जांच स्टेट क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। इस संबंध में पीड़ित परिवार को भी अवगत करा दिया है। फिलहाल इस मामले की जांच से जुड़े दस्तावेज डीएसपी के समक्ष है। इस मामले में अब आगे की जांच स्टेट क्राइम ब्रांच द्वारा ही की जाएगी।
सौजन्य: अमर उजाला
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