Badlapur Encounter: बदलापुर एनकाउंटर मामले में 5 पुलिसकर्मी दोषी करार, बंदूक पर नहीं मिले आरोपी के उंगलियों के निशान, मृतक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों से रेप करने का आरोपी था
Badlapur Encounter: महाराष्ट्र (Maharashtra) के बदलापुर एनकाउंटर मामले में 5 पुलिसकर्मी को दोषी करार (5 policemen convicted) दिया गया है। बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले (Badlapur Sexual Assault Case) के आरोपी अक्षय शिंदे (Akshay Shinde) की हिरासत में मौत के लिए मजिस्ट्रेटी जांच में पांच पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। मजिस्ट्रेट ने सोमवार (20 जनवरी) को जांच रिपोर्ट बॉम्बे हाई कोर्ट को सौंपी। रिपोर्ट में 5 पुलिसकर्मियों को दोषी पाने का उल्लेख है। अब मामले में दोषी 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
मजिस्ट्रेट ने कोर्ट शिंदे के पिता अन्ना शिंदे की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। अन्ना शिंदे ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उनके बेटे को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार डाला गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मृतक के साथ झगड़े में पांच पुलिसकर्मियों द्वारा प्रयोग किया गया बल अनुचित था और ये पांचों पुलिसकर्मी मृतक की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बंदूक पर मृतक के उंगलियों के निशान नहीं हैं, पुलिस के अनुसार उसने इसी बंदूक से गोली चलाई थी। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पुलिसकर्मियों का यह निजी बचाव कि उन्होंने आत्मरक्षा में गोली चलाई, अनुचित है तथा संदेह के घेरे में है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने रिपोर्ट को देखा। पीठ ने कहा कि मजिस्ट्रेट की जांच में निष्कर्ष निकला है कि वैन में मौजूद पांच पुलिसकर्मी आरोपी की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। कानून के अनुसार, अब पांचों पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और जांच की जाएगी।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला अगस्त 2024 का है। अक्षय शिंदे (24) ने बदलापुर के एक स्कूल के शौचालय के अंदर दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह स्कूल में अटेंडेंट था। सितंबर में तलोजा जेल से पूछताछ के लिए ले जाते समय शिंदे की कथित पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी।
पुलिस ने दावा किया कि उसने पुलिस वैन में मौजूद एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली, गोली चलाई और जवाबी गोलीबारी में वह मारा गया। पुलिस हिरासत में किसी आरोपी की मौत के मामले में कानून के तहत मजिस्ट्रेटी जांच शुरू की जाती है।
सौजन्य: लल्लूराम
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