Mahendragarh-Narnaul News: जातिगत दुर्भावना से कार्य करने पर जताया रोष, की कार्रवाई की मांग
नारनौल। कांवी सरपंच उर्मिला द्वारा बुधवार को पुलिस प्रशासन के साथ गांव में केवल दलित वर्ग द्वारा पंचायत भूमि में अस्थायी कब्जों को हटवाकर ओछी मानसिकता का परिचय दिया है। इस संबंध में कई सामाजिक संगठनों ने बैठक कर विरोध जताया। सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि गांव के दलित परिवारों द्वारा सरपंच से प्रार्थना की गई थी कि उनके पास प्लाट ना होने के कारण मजबूरी में डाली गई छड़ियों व ईंधन को ना हटाया जाए। साथ ही यदि कब्जों को हटाना ही है तो केवल दलित वर्ग के अस्थायी कब्जों को हटाने में भेदभाव ना करके सामान्य वर्ग के भी सभी अवैध कब्जों को हटा दिया जाए, लेकिन सरपंच ने केवल दलितों के अस्थायी कब्जे हटाकर जातिगत भेदभाव को उजागर किया है।
इस मौके पर पीड़ित मुकेश, ममता, कमलेश, गायत्री, ज्योति, बीना, राजकलां, सिलोचना, मैना व रमेश आदि परिवारों द्वारा विरोध करने के बावजूद समाधान नहीं हुआ। इस मामले में सर्व अनुसूचित जाति संघर्ष समिति के प्रधान चंदन सिंह जालवान, महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था दिल्ली के प्रमुख सलाहकार बिरदी चंद गोठवाल, अखिल भारतीय आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष लालाराम नाहर, गुरु रविदास महासभा के प्रधान बलबीर सिंह बबेरवाल व आदि ने भर्त्सना करते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, मुख्यमंत्री व पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व उपायुक्त से पत्र लिखकर मांग की है कि इस प्रकार गांव में जातिगत दुर्भावना से कार्य करने वाली सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही सरपंच पद से बर्खास्त किया जाए।
सौजन्य: अमरउजाला
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