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नाहन (सिरमौर)। शहर के साथ लगते नौणी का बाग में नगर परिषद की भूमि पर अवैध पेड़ कटान मामले में नाहन गौरव विकास संस्था ने गंभीर आरोप लगाए हैं। संस्था का आरोप है कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है और नियमानुसार कार्रवाई नहीं की जा रही है।
नाहन गौरव विकास संस्था के अध्यक्ष सुधीर कांत रमौल ने आरोप लगाया कि नौणी का बाग में नगर परिषद की जमीन से सैंकडो पेड़ों को काटा गया लेकिन नगर परिषद द्वारा जुर्माना सिर्फ 7 पेड़ों का जिसमें छह पेड़ साल के और एक पेड़ जामुन का शामिल है पर लगाया गया। इस दौरान डैमेज रिपोर्ट वन रक्षक द्वारा 3,70,832 रुपये की काटी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि नगर परिषद द्वारा मात्र 7 पेड़ों का जुर्माना दिखा कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। रमौल ने कहा कि जहां पेड़ कटे हैं वो भूमि गैर मुमकिन चारागाह और दरख्तान है जिसमे वन संरक्षण अधिनियम 1980 लगता है। हैरानी की बात है कि सरेआम वन संरक्षण अधिनियम 1980 की उल्लंघना हुई है और नगरपालिका ने पुलिस में एफआईआर करने की भी जहमत नहीं उठाई। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर परिषद की ऐसी कार्रवाई से शहर में अवैध कटान वालों के हौंसले बुलंद हैं। जिसके बाद दो अलग-अलग मामले भी शहर में अवैध कटान के सामने आए हैं, जिनमें नगर परिषद ने एफआईआर भी करवाई है।
रमौल ने कहा कि अवैध कटान मामले में नगर परिषद की कार्यप्रणाली को लेकर उन्होंने 6 मार्च 2024 को एक शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी की थी, लेकिन अभी तक आरोपियों के खिलाफ सरकार द्वारा कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने मीडिया के माध्यम से सरकार से मांग की है कि पर्यावरण को और वन संरक्षण अधिनियम की सरेआम उल्लंघना कर रहे ऐसे आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
उधर, नगर परिषद नाहन के कार्यकारी अधिकारी संजय तोमर ने बताया कि मामले में राजस्व विभाग को निशानदेही के लिए लिखा गया है। निशानदेही के बाद एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
सौजन्य: अमर उजाला
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