अंकिता भंडारी हत्याकांड: न्याय की आस में एक गरीब पिता
दो साल से अधिक होने को हैं-अंतरराष्ट्रीय योग और धर्मनगरी, ऋषिकेश (उत्तराखंड) के पास स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में कार्य करने वाली अंकिता भंडारी की बेहद संदेहास्पद परिस्थितियों में हत्या कर दी जाती है। अंकिता के पिता खुद एक गरीब पर समर्पित भाजपा कार्यकर्ता हैं। इसमें मुख्य आरोपी रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य है जो कि भाजपा के एक मंत्री विनोद आर्य का कथित पुत्र है।
यह हत्याकांड इसीलिए सामने आ पाया क्योंकि अंकिता के दोस्त पुष्पदीप ने अंकिता द्वारा प्राप्त व्हाट्सएप मैसेज को दुनिया के सामने रखा। इससे पता चलता था कि 18 सितंबर, 2022 की रात को एक वीवीआईपी के लिए अंकिता भंडारी को स्पेशल सर्विस देने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
इस घटना का सबूत मिटाने के लिए 23 सितंबर की रात को 3 बजे भाजपा की यमकेश्वर की महिला विधायक रेनू बिष्ट ने अपने सामने अंकिता भंडारी के कमरे को तुड़वा दिया ताकि सारे सबूत नष्ट किया जा सके। हद तो यह हुई कि खुद सीएम धामी ने अपने ट्विटर अकाउंट में दर्ज किया कि “हत्यारों का रिजार्ट बुलडोजर से तुड़वा दिया गया है।”
और आज तो मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि इस केस में कोई वीआईपी ही नहीं था। जबकि इसका सबूत अंकिता भंडारी ने खुद ही व्हाट्सएप द्वारा दे दिया था। इस मामले को उठाने वाले पत्रकार आशुतोष नेगी अंकिता भंडारी के गांव के ही रहने वाले हैं। उनके एक पत्रकार मित्र द्वारा उन्हें संदेश प्राप्त हुआ कि इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दो और दो करोड़ रुपए स्वीकार कर लो। यही नहीं स्वयं मुख्यमंत्री धामी ने आशुतोष नेगी को मिलने के लिए अपने आवास पर बुलाया और उनसे अनुरोध किया कि इस मामले को उठाना बंद करें।
उन्होंने बताया कि इस मामले में मुख्यमंत्री से भी ताकतवर लोगों का हाथ है। वैसे योगी आदित्यनाथ भी उसी क्षेत्र के हैं और इस मामले में वीवीआईपी का नाम भी अजय ही है। लेकिन अजय कुमार नामक एक दूसरे आदमी इस केस में वीवीआईपी माने जा रहे हैं। राजीव रावत के गुल्लक टीवी से एक लंबी बातचीत में पत्रकार आशुतोष नेगी बताते हैं कि अंकिता भंडारी के पिता को कई लोगों ने बताया कि वह कथित वीवीआईपी अजय कुमार नाम का भाजपा का संगठन मंत्री है। विधायक रेनू बिष्ट ने स्वयं अपने चमचों को यह जानकारी दी थी।
इस मामले की जांच कोटद्वार न्यायालय में चल रही है। इसमें 97 गवाहों में से 47 की गवाही हो चुकी है। लेकिन एसआईटी ने अभी तक गवाह संख्या 89, यानि विधायक रेणु बिष्ट की गवाही नहीं करवाई है। इस मामले में अंकिता भंडारी के पिता ने खुलेआम अजय कुमार संगठन मंत्री के वीआईपी होने का सवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उठाया है।
अंकिता भंडारी के दोस्त पुष्पदीप की हजारों पेज की कॉल रिकॉर्ड एसआईटी ने निकाल ली है (शायद खुद पुष्पदीप को लपेटने के लिए) परंतु आरोपी पुलकित आर्य और सबूत मिटाने की आरोपी विधायक रेनू बिष्ट या वीवीआई अजय कुमार की कॉल रिकॉर्ड नहीं निकाली गई है।
दिलचस्प बात यह है कि इस मामले को उठाने वाले पत्रकार आशुतोष नेगी पर उत्तराखंड सरकार की मिलीभगत से अब तक आठ फर्जी मुकदमे लाद दिए गए हैं। अगर उनकी हत्या हो जाए तो कोई अचरज नहीं।
(उमेश चन्दोला पशु चिकित्सक और स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)
सौजन्य: जनचौक
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