Ratlam News: पंचायत के शेड में नहीं करने दिया दलित महिला का अंतिम संस्कार, पुलिस ने दर्ज किया मामला.
रतलाम में पंचायत के शेड में अंतिम संस्कार से दलित महिला को रोकने के मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में पता चला है कि यह शेड निजी जमीन पर बना है।
रतलाम जिले के रिंगनोद में एक दलित महिला की मौत के बाद सरकारी श्मशान में अंतिम संस्कार करने से रोकने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद पुलिस ने जांच के आधार पर एक आरोपी के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। श्मशान आरक्षित भूमि पर न होकर निजी भूमि पर स्थित है, जिसके चलते ही शेड में अंतिम संस्कार करने से मना किया गया था।
रतलाम जिले की जावरा तहसील के रिंगनोद थाना क्षेत्र के ग्राम कुम्हारी निवासी बद्रीलाल ने बताया कि 25 अगस्त 2024 को उनके छोटे भाई शंभुलाल सूर्यवंशी की पत्नी सुगन बाई का बीमार होने के कारण निधन हो गया था। उस दिन तेज बारिश हो रही थी, और समाज के श्मशान में कोई पक्का शेड नहीं था। सरकारी श्मशान में शेड था, इसलिए उन्होंने वहां अंतिम संस्कार करने की इच्छा जताई। बद्रीलाल ने बताया कि उन्होंने गांव के खुमान सिंह से पूछा कि क्या बारिश के कारण वे सरकारी शेड में अंतिम संस्कार कर सकते हैं। खुमान सिंह ने कहा कि वह नागूसिंह राजपूत से पूछकर बताएगा। थोड़ी देर बाद खुमान सिंह ने फोन करके बताया कि नागूसिंह राजपूत ने सरकारी शेड में अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दी है और उनके लिए अस्थायी शेड की व्यवस्था की गई है। मजबूरी में परिवार को अस्थायी शेड में ही अंतिम संस्कार करना पड़ा।
आरक्षित के बजाय निजी भूमि पर बना श्मशान शेड
कुम्हारी ग्राम पंचायत ने वर्ष 2015-16 में मुक्तिधाम का शेड बनवाया था, लेकिन यह शेड आरक्षित भूमि पर न होकर निजी भूमि पर बना हुआ है। जहां श्मशान के लिए भूमि आरक्षित है, वहां न तो शेड है और न ही पहुंचने के लिए कोई रास्ता। इस कारण हर साल बारिश के मौसम में अंतिम संस्कार में कठिनाई होती है। पंचायत की ओर से बनाया गया शेड निजी भूमि पर होने से संबंधित लोग इसे निजी बताकर अंतिम संस्कार करने पर आपत्ति जताते हैं, जो विवाद की असल वजह बन गया है।
आरक्षित जमीन पर शेड बनाने की मांग
मामले में ग्राम पंचायत मरम्या के सचिव बीएस राठौर और पटवारी मनोजसिंह मंडलोई ने गांव पहुंचकर पंचनामा बनाया। सचिव राठौर का कहना है कि पंचायत द्वारा बनाया गया शेड उनके कार्यकाल का नहीं है। पंचनामा के अनुसार, जहां मुक्तिधाम की भूमि आरक्षित है, वहां कोई शेड नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि आरक्षित भूमि पर नया शेड बना दिया जाए और वहां तक जाने का रास्ता मिल जाए, तो समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है।
एसडीएम ने कहा- मामला गंभीर है
जावरा एसडीएम त्रिलोचन गौड़ ने बताया कि निजी भूमि पर शेड बनाना और तय मुक्तिधाम की जगह पर न होना, गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि पटवारी और पंचायत से रिपोर्ट लेकर रास्ता देने और तय स्थान पर शेड बनवाने का हल निकाला जाएगा। इस मामले को प्रशासनिक स्तर पर सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
सौजन्य : अमर उजाला
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