देश में सरेआम छीना जा रहा एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण, शीर्ष नौकरशाहों में नहीं है प्रतिनिधित्व; राहुल गांधी
Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर आरक्षण को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण खुलेआम छीना जा रहा है। शीर्ष नौकरशाही समेत देश के तमाम शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है।
राहुल गांधी ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग के बजाय ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ के माध्यम से लोक सेवकों की भर्ती करके संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के माध्यम से भर्ती करके एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के आरक्षण को खुलेआम छीना जा रहा है।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि शीर्ष नौकरशाही सहित देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, इसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री के माध्यम से उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है। गांधी ने आगे कहा कि यह यूपीएससी की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के अधिकारों पर डकैती है और वंचितों के लिए आरक्षण सहित सामाजिक न्याय की अवधारणा पर हमला है।
राहुल गांधी ने इस दौरान सेबी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सेबी इस बात का ज्वलंत उदाहरण है कि ‘चंद कॉरपोरेट्स’ के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठकर क्या करेंगे, जहां पहली बार निजी क्षेत्र से आने वाले व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने कहा कि भारत इस राष्ट्रविरोधी कदम का पुरजोर विरोध करेगा, जो प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाता है। ‘आईएएस का निजीकरण’ आरक्षण खत्म करने की ‘मोदी की गारंटी’ है।
आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने क्या कहा?
लालू प्रसाद यादव ने भी लेटरल भर्ती का विरोध करते हुए लिखा, ‘बाबा साहेब के संविधान और आरक्षण को तोड़ते हुए नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगियों की सलाह पर अब संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा कर्मियों की जगह संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक स्तर पर नियुक्ति के लिए निजी क्षेत्र से सीधी भर्ती का विज्ञापन जारी किया है। इसमें कोई सरकारी कर्मचारी आवेदन नहीं कर सकता। इसमें संविधान द्वारा कोई आरक्षण प्रदत्त नहीं है।’
राजद प्रमुख ने आगे लिखा, ‘यह कॉरपोरेट में काम करने वाली भाजपा की निजी सेना यानी खाकी पैंट वालों को सीधे भारत सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रालयों में उच्च पदों पर नियुक्त करने का “नागपुरिया मॉडल” है। संघी मॉडल के तहत इस नियुक्ति प्रक्रिया में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिलेगा। एनडीए के लोग वंचितों के हक पर डाका डाल रहे हैं।’
सौजन्य :राईट न्यूज़
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