‘ट्रांसजेंडर्स को न्याय मिले, इसलिए बनीं वकील’: कर्नाटक की पहली ट्रांसजेंडर एडवोकेट का संकल्प –

मैसूर: कर्नाटक के मैसूर की शशि ने संघर्ष को अपनी ताकत बनाया और अब इतिहास रच दिया. 2021 में कर्नाटक में एलएलबी परीक्षा पास करने वाली पहली ट्रांसजेंडर के रूप में पहचान बनाने के बाद, उसने अब बार काउंसिल की परीक्षा भी सफलतापूर्वक पास कर ली है. इसके साथ ही वह राज्य की पहली ट्रांसजेंडर वकील बन गई हैं. अब उनका सपना है न्याय की कुर्सी तक पहुंचना.
शशि ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपनी संघर्ष की कहानी बतायी. जज क्यों बनना चाहती है, इस पर शशि ने कहा, “मैंने 2021 में विद्यावर्द्धक कॉलेज से लॉ की डिग्री प्राप्त की. मैंने 2023 में बार काउंसिल की परीक्षा दी थी, अब उसका परिणाम आ गया है. मैं उसमें पास हो गई हूं. समाज में ट्रांसजेंडर्स को देखने का नजरिया बदलना चाहिए. उन्हें न्याय मिलना चाहिए, इसलिए मैंने उन्हें न्याय दिलाने के लिए कानूनी ढांचे के भीतर काम करने के लिए लॉ कॉलेज जॉइन किया.”
शशि ने बताया कि वह मध्यम वर्गीय परिवार से आती है. उसके पिता एक सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं और मां एक गृहिणी हैं. भाई टाइपिस्ट है. उसकी बहन एक नर्स है. शशि ने कहा कि घर पर तो उसे ट्रांसजेंडर के तौर पर स्वीकार नहीं किया गया. उसने बताया कि कॉलेज में भी परेशानियों का सामना करना पड़ा. विद्यावर्द्धक लॉ कॉलेज में एडमिशन की इच्छा जताने पर टीचर ने कहा कि उसके साथ छात्र बदसलूकी कर सकते हैं. शशि ने कहा, वह इसका बहादुरी से सामना करेगी. फिर एडमिशन मिल गया.
शशि ने कहा कि वह कक्षा 1 से 10 तक लड़का था. तब उसके शरीर में कोई हॉरमोनल असंतुलन नहीं था. उसके बाद शरीर में हॉरमोनल असंतुलन के कारण वह ऐसा हो गयी. शशि ने कहा, ‘घर में कोई मुझे स्वीकार नहीं करता. समाज भी मुझे स्वीकार नहीं करता. अब मैं बार एसोसिएशन में शामिल हो गयी हूं. अब मुझे नहीं पता कि यहां क्या चल रहा है.’ शशि ने कहा सरकार को ट्रांसजेंडरों को अवसर देना चाहिए.
सौजन्य : ईटीवी भारत
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