उत्तर प्रदेश: गांधी, आंबेडकर की प्रतिमाओं को लेकर उच्च जाति और दलित समुदायों के बीच विवाद

अलीगढ़ जिले के एक गांव के नवनिर्मित पार्क में गांधी और आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर दो समूहों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. उच्च जाति और ओबीसी समुदाय गांधी की प्रतिमा लगाना चाहते थे, वहीं, दलित समुदाय आंबेडकर की मूर्ति स्थापित कर दिया.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक गांव के पार्क में महात्मा गांधी और बी.आर. आंबेडकर की मूर्ति स्थापित करने को लेकर उच्च जाति, ओबीसी और दलित समुदायों के बीच विवाद हो रहा है.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार (14 मार्च) को शेखूपुर सतकुना गांव के नवनिर्मित पार्क में गांधी और आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर दो समूहों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
उच्च जाति और ओबीसी समुदायों से संबंधित ग्रामीणों का एक समूह, जो पार्क में गांधी जी की एक प्रतिमा स्थापित करने की योजना बना रहा था, गुरुवार (13 मार्च) रात को उसी स्थान पर दलित समुदाय के सदस्यों द्वारा आंबेडकर की एक प्रतिमा स्थापित किए जाने पर हैरान हो गया.
दोनों समूहों ने एक-दूसरे पर हमला किया लेकिन पुलिस ने समय रहते हस्तक्षेप कर स्थिति को शांत किया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया.
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, गांव शेखूपुर सटकना में ग्राम समाज की भूमि पर मनरेगा पार्क बना हुआ है. इसी पार्क में एक प्रतिमा लगवाने के लिए चबूतरा पहले से बना हुआ है. यहां महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाने की योजना थी. इसी बीच भीम आर्मी से जुड़े अनुसूचित वर्ग के कुछ युवकों ने रात करीब 11 बजे गुपचुप तरीके से चबूतरे पर आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी.
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन पुलिसकर्मियों के साथ गांव पहुंचे और दोनों समूहों के साथ कई दौर की बैठकें कीं.
सुमन ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार से औपचारिक अनुमति लिए बिना कहीं भी मूर्ति स्थापित करने का कोई नियम नहीं है. हमने यह बात उन ग्रामीणों को बताई जिन्होंने मूर्ति स्थापित की थी. शुरुआती प्रतिरोध के बाद वे इसे हटाने के लिए सहमत हो गए.’
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि बघेल (राजपूत) और लोध (ओबीसी) समुदायों के सदस्यों ने शुक्रवार को पार्क में गांधी की प्रतिमा लगाने के लिए ग्राम पंचायत से अनुमति ली थी. हालांकि, शेखपुर सतकाना और आस-पास के गांवों के दलितों ने एक दिन पहले ही आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी थी.
एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर स्थानीय पत्रकारों को बताया, ‘गांधी के अनुयायियों ने दो आंबेडकर समर्थकों पर हमला किया और उन्हें घायल कर दिया. दोनों पक्षों में सैकड़ों लोग थे और वे तभी तितर-बितर हुए जब पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया. लेकिन इलाके में अभी भी तनाव है.’
सुमन ने कहा, ‘गांव में स्थिति सामान्य है. हमने वहां सुरक्षा बल तैनात कर दिया है. हम उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो माहौल खराब करने की कोशिश करेंगे.’
पंचायत की मुखिया शारदा देवी, जिनके घर पर पुलिस ने पार्क से आंबेडकर की मूर्ति हटाकर रख दी है, कहती हैं, ‘गांव में शुरू में पार्क में गांधी की मूर्ति लगाने पर सर्वसम्मति थी. लेकिन, पड़ोसी गांवों के कुछ असामाजिक तत्वों ने यहां परेशानी खड़ी कर दी.’
सौजन्य: द वायर
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