MP: अंधविश्वास की आग में झुलसा 6 महीने का मासूम: तांत्रिक की झाड़फूंक से दोनों आंखों की कॉर्निया जलकर सफेद पड़ीं

भारत में अंधविश्वास के खिलाफ कई कानून मौजूद हैं। कुछ राज्यों में अंधविश्वास विरोधी कानून भी लागू किए गए हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में फिलहाल ऐसा कोई विशेष कानून नहीं है।
भोपाल। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में अंधविश्वास के चलते एक 6 महीने के मासूम की जिंदगी पर संकट खड़ा हो गया। झाड़फूंक के नाम पर एक तांत्रिक ने मासूम को आग से धूनी दे दी, जिससे उसकी दोनों आंखों की कॉर्निया जल गईं। डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण न फैला तो रोशनी बच सकती है, लेकिन हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार, शिवपुरी जिले के ग्राम खैरोना निवासी आदेश वर्मा और उनकी पत्नी अपने 6 महीने के बेटे मयंक को तांत्रिक के पास ले गए थे। परिजनों को शक था कि बच्चे को “मसान” लग गया है। इसी अंधविश्वास में वे उसे पड़ोरा के पास रामनगर गांव में झाड़फूंक करने वाले रघुवीर धाकड़ नामक तांत्रिक के पास ले गए।
तांत्रिक ने आग जलाकर बच्चे को धूनी देना शुरू कर दिया। इस दौरान धूनी की गर्मी से बच्चे की हालत बिगड़ने लगी, लेकिन माता-पिता अंधविश्वास में पड़कर यह सब देखते रहे। कुछ ही देर में बच्चे की दोनों आंखों की कॉर्निया झुलस गईं और चेहरा भी जल गया। जब बच्चा बेहोश हो गया, तब परिजनों को होश आया और वे घबराकर उसे लेकर घर चले गए।
गुरुवार की शाम माता-पिता बच्चे को लेकर शिवपुरी पहुंचे और जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरीश चतुर्वेदी ने बच्चे की जांच की तो हैरान रह गए। उन्होंने जब माता-पिता से पूछा कि बच्चे की आंखों को इतना नुकसान कैसे हुआ, तब उन्होंने झाड़फूंक की पूरी कहानी बताई।
डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि बच्चे की दोनों आंखों की कॉर्निया जलकर सफेद पड़ चुकी हैं। यदि अगले 48 घंटे में संक्रमण नहीं फैला तो आंखों की रोशनी बच सकती है, लेकिन स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। इसके अलावा, बच्चे का दायां गाल आधा जल गया है और होंठ भी झुलस चुके हैं। जलने के कारण बच्चा डिहाइड्रेट हो गया था, इसलिए उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
तांत्रिक के खिलाफ होगी कार्रवाई?
मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस भी हरकत में आ गई है। शिवपुरी पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। यदि परिजन शिकायत दर्ज कराते हैं तो तांत्रिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
झाड़फूंक और अंधविश्वास पर क्या कहता है कानून?
भारत में अंधविश्वास के खिलाफ कई कानून मौजूद हैं। कुछ राज्यों में अंधविश्वास विरोधी कानून भी लागू किए गए हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में फिलहाल ऐसा कोई विशेष कानून नहीं है। हालांकि, आईपीसी की धारा 324 (जानबूझकर किसी को नुकसान पहुंचाना) और 336 (लापरवाही से जान जोखिम में डालना) जैसी धाराओं के तहत इस मामले में तांत्रिक पर कार्रवाई हो सकती है।
सौजन्य: मूकनायक
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