मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट भी बेकारी गरीबी का एक कारण: अखिलेन्द्र
म्योरपुर। सोनभद्र के कार्यकर्ताओं द्वारा पूरे जनपद से प्राप्त रिपोर्ट कि आम लोगों की आर्थिक जिंदगी बदतर होती जा रही है पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हो रही गिरावट भी इसका एक बड़ा कारण है।
ऋण-जमा अनुपात के असंतुलन को ठीक करके सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली जैसे पिछड़े इलाकों में गरीबी और बेकारी पर काबू पाया जा सकता है। साथ ही प्रदेश के एक समृद्ध जिले सोनभद्र में लोगों की खाने-पीने की दुश्वारी पर चिंता व्यक्त करते हुए मांग की गई कि यहां के नागरिकों खासकर आदिवासी, दलित और अत्यंत पिछड़ों के विकास के लिए बजट में सब प्लान बनाकर उसकी राशि पर्याप्त रूप से बढ़ाई जानी चाहिए। यह बातें आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के संस्थापक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने रासपहरी कार्यालय पर हुई बैठक में कही। वह रोजगार अधिकार अभियान के सिलसिले में सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली और बनारस के दौरे पर हैं और उसी क्रम में जिले के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा नौजवानों को रोजगार के लिए 5 लाख रुपए आवंटन की घोषणा पर कहा कि उसे नौजवानों को ऋण के रूप में नहीं बल्कि नए उद्यम लगाने के लिए अनुदान के रूप में देना चाहिए। यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी पहली किश्त की धनराशि कम से कम 10 लाख रुपए तक होनी चाहिए और बैंक अभ्यर्थियों के खाते में पैसा भेजने में अनावश्यक देरी न करें।
उन्होंने कहा कि गरीबी, बेकारी और महंगाई का बढ़ना कोई दैवीय प्रकोप नहीं है बल्कि यह सरकार द्वारा आर्थिक कुप्रबंधन की देन है। प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष टैक्स आम लोगों के ऊपर से कम करके और कॉर्पोरेट घरानों के ऊपर वाजिब वेल्थ टैक्स व काले धन की अर्थ व्यवस्था पर लगाम लगाकर बेकारी और महंगाई से निपटा जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार द्वारा बहु प्रचारित 5 किलो अनाज आम आदमी के लिए एक हफ्ते के लिए भी पर्याप्त नहीं है।
यदि सरकार लोगों के कौशल को बढ़ाने के लिए पूंजी का निवेश करती और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बढ़ोतरी करती तो बेकारी और गरीबी पर नियंत्रण काम किया जा सकता है। सोनभद्र से लोगों के जमा धन के दूसरे प्रदेशों में पलायन पर कहा कि क्रेडिट डिपॉजिट या ऋण जमा अनुपात के असंतुलन को दूर कर दिया जाए और बड़े पैमाने पर सोनभद्र, चंदौली, मिर्जापुर जैसे पिछड़े इलाके में कौशल विकास केंद्र, पॉलिटेक्निक, आईटीआई जैसे शिक्षा संस्थानों को बनाया जाए तो लोगों को रोजगार दिया जा सकता है।
उन्होंने संविधान पर शंकराचार्य द्वारा की गई टिप्पणी को उनके धर्म कर्म क्षेत्र के बाहर और राजनीतिक क्षेत्र में अनावश्यक हस्तक्षेप माना। कहा कि संविधान महज कानून की किताब नहीं बल्कि राष्ट्रीय आंदोलन की धरोहर है। जिसका स्व स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व है।
बैठक की अध्यक्षता मजदूर किसान मंच के जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गोंड और संचालन एआईपीएफ के जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका ने किया। बैठक में एआईपीएफ प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर, जिला सचिव इंद्रदेव खरवार, जिला प्रवक्ता मंगरु प्रसाद श्याम, युवा मंच की जिलाध्यक्ष रूबी गोंड, जिला संयोजक सविता गोंड, मनोहर गोंड, गुंजा गोंड, ठेका मजदूर यूनियन के जिला मंत्री तेजधारी गुप्ता, सह सचिव मोहन प्रसाद, रामविचार गोंड, बिरझन गोंड, महावीर गोंड आदि लोगों ने अपने विचार रखे।
सौजन्य:जनचौक
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