Rajasthan: दलित दूल्हे की सुरक्षा में तैनात रहे 200 पुलिसकर्मी, ऐसे निकाली गई अजमेर में बारात
राजस्थान के अजमेर में एक दलित दूल्हे को अपनी बारात निकालने के लिए पुलिस का सहारा लेना पड़ा। मिली जानकारी के अनुसार अजमेर में एक दलित दूल्हें की बारात घोड़ी पर निकाली जानी थी। जिसके बाद प्रशासन की ओर से 200 पुलिसकर्मियों की तैनाती कराई गई जिससे बारात को बिना किसी विवाद के निकाला जा सके। इस दौरान दूल्हे के परिवार ने डीजे और पटाखे नहीं चलाए
पीटीआई, जयपुर। राजस्थान के अजमेर जिले में एक दलित दूल्हे की बारात भारी पुलिस सुरक्षा के बीच निकाली गई, क्योंकि दुल्हन के परिवार ने प्रशासन से संपर्क कर आशंका जताई थी कि ऊंची जातियों द्वारा घोड़े पर सवार बारात का विरोध किया जा सकता है। लगभग 200 पुलिस कर्मियों की मौजूदगी ने यह सुनिश्चित किया कि पारंपरिक ‘बिंदोली’ समारोह बिना किसी घटना के सम्पन्न हो, क्योंकि दूल्हा विजय रेगर मंगलवार को घोड़ी पर सवार होकर अरुणा के खोरवाल के लावेरा गांव में उससे विवाह करने के लिए पहुंचा था।
अरुणा खोरवाल के परिवार ने गांव में ऊंची जाति के स्थानीय लोगों द्वारा संभावित विरोध की आशंका के चलते प्रशासन से संपर्क किया था। प्रशासन ने समारोह के लिए करीब 200 कर्मियों को तैनात किया था।
अजमेर की पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने बताया, एक परिवार ने पुलिस के समक्ष अपनी चिंता व्यक्त की थी कि वे बारात निकालना चाहते हैं और शायद इसमें कुछ परेशानी हो सकती है। तैयारी के तौर पर गांव में एक बैठक आयोजित की गई थी। ग्रामीणों ने भी सहयोग किया और कहा कि इसमें कोई परेशानी नहीं होगी। बारात पुलिस सुरक्षा में निकाली गई।
अरुणा के पिता नारायण खोरवाल ने स्थानीय कार्यकर्ताओं से भी संपर्क किया था, जिनमें मानव विकास एवं अधिकार केंद्र संस्थान के सचिव रमेश चंद बंसल भी शामिल थे। बंसल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को पत्र लिखा और स्थानीय पुलिस से भी मदद मांगी, जिसके बाद कई पुलिस थानों के अधिकारियों सहित पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।
दुल्हन के पिता नारायण ने कहा, अगर हम डरे रहेंगे तो काम कैसे चलेगा। हम एक शिक्षित परिवार हैं। अतीत में, शादी के जुलूसों के दौरान अप्रिय घटनाएं हुई हैं, इसलिए हमने पुलिस और कार्यकर्ताओं से संपर्क किया था। हालांकि, परिवार ने डीजे और पटाखे नहीं बजाए।
सौजन्य: दैनिक जागरण
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